लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, श्रीगंगानगर में 105 के पार पहुंचा पेट्रोल

नई दिल्ली, 01 जून (हि.स.)। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जून के पहले दिन ही एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी। इसके पहले कल भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की गई थी। पेट्रोल और डीजल की कीमत में आज की गई बढ़ोतरी 2021 में की गई साल की 43वीं बढ़ोतरी है। आज पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 25 से 26 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई है। जबकि डीजल की कीमत में प्रति लीटर 23 से 24 पैसे का इजाफा किया गया है। 
आज की बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम बढ़कर 94.49 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल 85.38 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। इसी तरह मुंबई में पेट्रोल 100.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.6 9 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है। कोलकाता में डीजल की कीमत बढ़ कर 94.50 रुपये और डीजल की कीमत प्रति लीटर 88.23 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह चेन्नई में आज पेट्रोल 95.99 रुपये प्रति लीटर के भाव पर और डीजल 90.12 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। 
देश में सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है। आज की बढ़ोतरी के बाद आज वहां पेट्रोल की कीमत 105.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.32 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.28 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। आज की बढ़ोतरी के बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सभी जिलों में पेट्रोल की कीमत सौ रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई है। 
आज पेट्रोल के दाम में हुए इजाफे के बाद साल 2021 में राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में अभी तक प्रति लीटर 10.52 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं डीजल की कीमत में भी इस साल अभी तक प्रति लीटर 11.26 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। इस साल 1 जनवरी को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 83.97 रुपये प्रति लीटर थी, जो अब 10.52 रुपये की छलांग के साथ आज 94.49 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह 1 जनवरी को राजधानी दिल्ली में डीजल की कीमत 74.12 रुपये प्रति लीटर थी जो अब 11.26 रुपये की तेजी के साथ 85.38 रुपये प्रति लीटर हो गई है। मई के महीने में ही 16 बार और जून के महीने में पहली बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी किए जाने के कारण 4 मई से अभी तक राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 4.09 रुपये प्रति लीटर और डीजल 4.65 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। 
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस साल अभी तक 43 बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर चुकी हैं। वहीं इसकी कीमत में सिर्फ चार बार मामूली कटौती की गई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जनवरी के महीने में 10 बार, फरवरी के महीने में 16 बार, मई के महीने 16 बार और जून के महीने में आज पहली बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। वहीं मार्च में तीन बार और अप्रैल में एक बार पेट्रोल व डीजल की कीमत में मामूली कमी की गई थी। 
फरवरी के महीने में 27 फरवरी को पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी करने के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बावजूद 65 दिन तक कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद 4 मई को 66 दिन के अंतराल पर पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की गई। अब 4 मई के बाद अभी तक सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां 17 बार डीजल और पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी कर चुकी हैं। 
आपको बता दें कि पेट्रोल की कीमत में केंद्र और राज्य का टैक्स इतना अधिक है कि ये राजधानी दिल्ली में अपनी मूल कीमत से 1.65 गुना अधिक कीमत पर आम उपभोक्ताओं को मिल रही है। आज पेट्रोल की मूल कीमत (बेस प्राइस) 35.63 प्रति लीटर रुपये है। आम उपभोक्ताओं को राजधानी दिल्ली में मूल कीमत के साथ ही केंद्र के टैक्स के रूप में आज 32.90 रुपये और राज्य के टैक्स (वैट) के रूप में प्रति लीटर 21.81 रुपये चुकाना पड़ रहा है। यानी 35.63 रुपये प्रति लीटर की मूल कीमत वाले पेट्रोल के लिए दिल्ली में आज आम लोगों को राज्य और केंद्र का टैक्स मिलाकर 54.71 रुपये बतौर टैक्स चुकाना पड़ रहा है। इसके अलावा डीलर का कमीशन प्रति लीटर 3.79 रुपये और पेट्रोल की ढुलाई प्रति लीटर 36 पैसे भी उपभोक्ताओं के जेब से ही जाते हैं। 
इसी तरह दिल्ली में आज डीजल की मूल कीमत 38.16 रुपये है। इसके ऊपर केंद्र का टैक्स 31.80 रुपये और राज्य का टैक्स (वैट) 12.50 रुपये प्रति लीटर लगता है। इसके अलावा डीजल की ढुलाई प्रति लीटर 33 पैसे और डीलर का कमीशन प्रति लीटर 2.59 रुपये है। डीजल पर भी आम लोगों को आज केंद्र और राज्य के टैक्स के रूप में प्रति लीटर 43.30 रुपये चुकाना पड़ रहा है। 
पेट्रोल और डीजल की कीमत में हुई तेज बढ़ोतरी के कारण थोक महंगाई दर पर भी काफी असर पड़ा है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के महीने में ही थोक महंगाई दर 7.3 फीसदी से बढ़कर 10.49 फीसदी हो गई है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी स्पष्टीकरण में साफ किया गया है कि थोक महंगाई दर में 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह है पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में हुई बढ़ोतरी है। पेट्रोलियम उत्पादों में इस साल लगातार तेजी का रुख बना रहा है। इसलिए आने वाले महीनों में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत थोक महंगाई दर पर असर डालती रह सकती हैं। 
जानकारों का कहना है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अपने संचित घाटा को पाटने के लिए मई की तरह ही जून के महीने में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रख सकती हैं। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) लगातार महंगा हो रहा है। फरवरी में अंतरराष्ट्रीय बाजार में 61 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बिक रहा कच्चा तेल आज 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच कर कारोबार कर रहा है। ऐसे में अगर जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमी नहीं हुई तो सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को इस महीने के दौरान भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में डेढ़ से दो रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। 

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