नई दिल्ली, 30 मई (हि.स.)। भारतीय मिडफील्डर सुरेश सिंह का मानना है कि एक खिलाड़ी की भूमिका योजनाओं को निष्पादित करने और उसे सौंपी गई भूमिका को पूर्णता के साथ निभाने की है। भारत की सीनियर फुटबॉल टीम फीफा विश्व कप कतर 2022 और एएफसी एशियन कप चाइना 2023 क्वालीफायर में खेलती नजर आएगी, जो 3 जून से खेला जाएगा।
अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) की आधिकारिक वेबसाइट ने सुरेश के हवाले से कहा,”यह (राष्ट्रीय टीम में चयन) मेरे हाथ में कभी नहीं था। मैं खुद पर और अपने खेल पर ध्यान देता रहा। मेरा तर्क सरल है – अगर मुझे नहीं बुलाया जाता है तो मुझे यह समझने की जरूरत है कि या तो मैं तैयार नहीं हूं, या काफी अच्छा हूं। बेंगलुरू एफसी में होने से बहुत मदद मिली क्योंकि मैंने नियमित रूप से पांच राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण लिया, इससे मुझे मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली।”
उन्होंने कहा,”मैं एक कोच का खिलाड़ी हूं। खिलाड़ी की भूमिका योजनाओं को निष्पादित करने और उसे सौंपी गई भूमिका को पूर्णता के साथ निभाने की है। कोच मेरा मार्गदर्शन करेगा और मुझे बताएगा कि वह मेरी टीम के लिए मुझसे क्या चाहता है। मैं हमेशा मापने की कोशिश करता हूं। कोच मैच के दौरान क्या मांग करता है और उसके बाद मैं उसके तकनीकी इनपुट पर निर्भर करता हूं। मैं बस मुझे सौंपी गई भूमिका पर टिका रहता हूं।”
बता दें कि भारत को तीन जून को एशियाई चैंपियंस कतर, 7 जून को बांग्लादेश और 15 जून को अफगानिस्तान के साथ दोहा के जसीम बिन हमद स्टेडियम में खेलना है।
2021-05-30