प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यावरण संरक्षण व शुद्ध सब्जियों के लिए तैयार करें ‘रसोई वाटिका’, मिलेगा लाभ

श्रीराम जायसवाल
गाजीपुर, 16 मई (हि.स.)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम को लेकर देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते एक ओर जहां समय व्यतित करना मुश्किल हो रहा है। वहीं दूसरी ओर बाजार से सब्जियां लाने में भी डर है कि कहीं संक्रमित न हो जाएं। ऐसे समय में आप घर में खाली पड़ी जगह, छत या बालकनी में रसोई वाटिका (किचन गार्डन) तैयार कर सकते हैं। जिससे आपको न केवल ताजा व शुद्ध सब्जियां मिलेंगी। बल्कि आपका महीने का खर्चा भी कम हो जाएगा। 
 कोरोना काल में जनपद के एक परिवार के स्कूली बच्चों ने रसोई वाटिका की स्थापना कर एक मिसाल कायम कर दिया है। उनके एक छोटी सी वाटिका से पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां उपलब्ध होने लगी है। 
 जनपद के जखनियां क्षेत्र के रुद्रांश व मानसी (भाई-बहन) द्वारा अपने दादा राधेश्याम जी की मदद से घर में किचन गार्डन स्थापित कर घर पर तुलसी, धनिया और पुदीने, भिण्डी, बोरो, टमाटर, बैगन, ककड़ी का लाभ पिछले कई महीनों से ले रहे हैं। 
  उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते से नेनुआ, लौकी (कद्दू) व खीरा भी उपलब्ध होने लगेगा। इस सम्बंध में उन लोगों ने बताया कि आजकल बाजार में मिलने वाली सब्जियां बॉसी होने के साथ-साथ कैमिकल्स वाली भी होती है। क्योंकि इन्हें उगाने या स्टोर करने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में घर की रसोई वाटिका से आप ताजी और हेल्दी सब्जियां खा सकते हैं। 
 इसके साथ ही आम तौर पर एक परिवार का महीने भर में सब्जी पर होने वाला खर्च एक हजार से दो हजार तक होता है। घर पर रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियां जैसे प्याज, टमाटर, लहसुन, बैंगन, पालक, तुरई, मैथी आदि उगाकर काफी पैसे बचा सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि घर में वाटिका होने से तनाव से मुक्ति मिलती है। इससे आपका दिमाग अच्छे कामों में लगा रहता है। 
कहाकि गर्मी के मौसम में किचन गार्डन का होना आपके लिए बहुत फायदेमंद है। क्योंकि कुछ ऐसे पौधे होते हैं जो कि कीड़े-मकौड़े को भगाकर हवा को साफ करते हैं। इसके लिए आप अपने किचन गार्डन में लेमन बाम, तुलसी, मीठा नीम (कड़ी पत्ता), लैवेंडर, रोजमेरी और सिट्रोनेला आदि पौधे लगा सकते हैं। 
 बताया कि ऑर्गेनिक वाटिका के माध्यम से उर्वरक रहित सब्जियों के प्रयोग से स्वास्थ्य काफी उत्तम रहता है। इसके लिए घर पर रसोई वाटिका (किचन गार्डन) तैयार कर जैविक (ऑर्गेनिक) सब्जियां उगाई जा सकती हैं। मैं पिछले साल से किचन गार्डन में सब्जियां उगा रहा हूं, इससे सेहत में तो सुधार हुआ ही है, साथ ही सब्जी का खर्च भी बंद हो गया। 
-सेहत व जेब दोनों का फायदा 
रसोई वाटिका के माध्यम से घर के सामने खाली पड़ी जमीन के साथ ही छत की बालकनी में गमलों इत्यादि के माध्यम से भी सब्ज्यिां उगाकर हम न केवल अपनी सेहत को सुरक्षित कर सकते हैं। बल्कि इससे एक परिवार प्रतिमाह एक से दो हजार रुपए तक बचा सकता है। यानी किचन गार्डन सेत व जेब दोनों के लिए फायदेमंद है। तीसरा, गार्डन में निराई-गुड़ाई व काम करने से सुबह-शाम हल्की कसरत भी हो जाती है। 
 बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार घरों में छोटी-छोटी सब्जियों की बागवानी का शौक रखना चाहिए, इसके कई लाभ होते हैं। यदि अगर आपके घर के सामने थोड़ी सी जमीन है तो उसे यूं ही खाली ना जाने दें और उसका उपयोग करें। 
 इस सम्बंध में रुद्रांश व मानसी ने बताया कि हम पहले घर के पास खाली जमीन में फूल पौधों के साथ ही हरियाली देने वाले पौधे लगाया करते थे। लेकिन दादा जी द्वारा यह विचार लाया गया कि यदि हम किचन वाटिका के माध्यम से रोजमर्रा की सब्जियों की खेती करें तो हरियाली, पर्यावरण अनुकूलता, प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही शुद्ध सब्जियों की उपलब्धता हो जाती है। इसके साथ ही हमें शारिरिक रूप से मेहनत करने का अवसर भी प्राप्त होता है। स्थिति यह है कि हमारे छोटे से “रसोई वाटिका” के माध्यम से हम अपनी रसोई की जरूरत पूरी करने के साथ ही पड़ोसी व जरूरतमंद लोगों को भी सब्जियां इत्यादि उपलब्ध कराते हैं। 

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