लखनऊ, 15 मई (हि.स.)। ब्लैक फंगस को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सर्तक दिख रही है। इस जानलेवा बिमारी के खतरे को भांपते हुए योगी सरकार ने टीम-09 को निर्देशित किया है कि राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की परामर्शदात्री समिति से संवाद बनाते हुए इसके उपचार के लिए आवश्यक गाइडलाइंस जारी कर दी जाए।
शनिवार को कोविड से बचाव की तैयारियों को लेकर टीम के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार सम्बंध में प्रशिक्षण आवश्यक है। सभी मेडिकल कॉलेजों, सीएमओ, इलाज में संलग्न अन्य चिकित्सकों को सजीपीजीआई पीजीआई से जोड़ते हुए आवश्यक चिकित्सकीय प्रशिक्षण कराने की कार्यवाही तत्काल कराई जाए।
निगेटिव मरीजों को चिकित्सकीय निगरानी की जरूरत
वहीं, योगी ने कहा कि बहुत से मरीज कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन अभी भी उन्हें चिकित्सकीय निगरानी की जरूरत होती है। ऐसे मरीजों को उनकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर एल-1 हॉस्पिटल में ऑक्सीजन युक्त बेड पर भर्ती जरूर कराया जाए।
24 घंटे में बढ़ाए करीब 250 बेड
उन्होंने बताया कि मार्च से अब तक 30 हजार से अधिक बेड बढ़ाए गए हैं। बीते 24 घंटे में विभिन्न जिलों में करीब 250 बेड और बढ़े हैं। पीएम केयर्स के अतर्गत लग रहे ऑक्सीजन प्लांट लखनऊ, जौनपुर, फिरोजाबाद, सिद्धार्थ नगर आदि में जल्द ही क्रियाशील हो जाएंगे। सहारनपुर में प्लांट चालू हो चुका है।
कोविड मरीजों की होगी क्रॉस चेकिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर आइसीसीसी को उपलब्ध कराएं। आइसीसीसी इसका दोबारा सत्यापन करे। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी एक प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जाए, ताकि सांसद व विधायक मेडिकल किट प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों से संवाद कर सकें। इससे व्यवस्था का क्रॉस वेरिफिकेशन भी हो सकेगा।