– अन्य धर्म के गुरूओं ने भी दी बधाई, अल्लाह ताला से कोरोना के खात्मे के लिए दुआएं मांगी
वाराणसी, 14 मई (हि.स.)। धर्म नगरी वाराणसी में शुक्रवार को उल्लास पूर्ण माहौल में ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जा रहा है। कोविड संकट काल में मस्जिदों और इबादतगाहों में कोरोना प्रोटोकाल के चलते चुनिंदा लोगों ने नमाज अदा की। बाकि लोगों ने अपने घर में अकीदत के साथ महापर्व की नमाज परिवार के साथ अदा की।
कोरोना के चलते दूसरी बार मुस्लिम समाज के लोगों ने घरों में ईद की नमाज अदा की। इस दौरान बच्चों में सबसे ज्यादा उत्साह देखने को मिला। वह सुबह से ही नए-नए कपड़े पहनकर नमाज के लिए तैयार होने लगे। इसके बाद समाज के पुरुष और महिलाओं ने घरों में ही साढ़े आठ बजे नमाज पढ़ी। रोजेदारों ने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और मुल्क से कोरोना वायरस की समाप्ति की दुआएं मांगी। रोजेदारों ने अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों को जल्द स्वस्थ्य होने के लिए दुआएं की।
ईद के अवसर पर पर्व को मनाने अलसुबह ही लोग नहा-धोकर लोग तैयार हुए। कोरोना प्रोटोकाल और जिला प्रशासन के निर्देश पर सुबह ईदगाह या मस्जिद की बजाय लोगों ने परिवार संग घर में ही नमाज पढ़ी। मस्जिदों व ईदगाहों में भी तय समय पर इमाम और मौलानाओं ने तीन-चार नमाजियों के साथ ईद-उल-फितर की नमाज अदा कराई। देश समाज और परिवार के दुआएं मांगी। नमाज के बाद लोगों ने फोन या सोशल मीडिया के जरिये बधाई दी।
शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि जुमा के दिन पड़ने वाली ईद को खास माना जाता है, और इसको ईद-ए-अकबर के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि रमजान के बाद आने वाली इस ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है। इस दिन सभी मुसलमान, प्रति परिवार के सदस्य के हिसाब से फितर की एक रकम निकाल कर गरीबों, बेवाओं, यतिमों या अन्य हकदार व्यक्तियों तक पहुंचाते हैं। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता बताया कि आज के दिन करीब 1500 करोड़ रुपये फितरे की रकम बांटने का अनुमान है। उन्होंने ये भी बताया कि जगह जगह इस रकम को कोरोना की लड़ाई में भी लगाया जा रहा है।
हाजी हैदर ने बताया कि सुबह से ही सभी धर्मों के सदस्यों का आपस में मुबारक बाद का सिलसिला जारी रहा। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, गुरुद्वारे की ओर से भाई महेंद सिंह और भाई धर्मवीर सिंह, बिशप हाउस से बिशप यूजीन, फादर थॉमस ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बार ईद के दिन ही अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती एवं गुरु अंगद देव की पैदाइश का दिन है । इतने मुबारक दिन से ही कोरोना का खात्मा शुरू होगा।