जयपुर, 13 मई (हि.स.)। हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क के आठ एशियाटिक शेरों में कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद महामारी का संक्रमण अब जयपुर के नाहरगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क तक पहुंच गया है। यहां एशियाटिक लॉयन त्रिपुर के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा एक सफेद बाघ और एक अन्य शेर को भी कोरोना संदिग्ध पाया गया है। ये तीनों शेर पिछले लंबे समय से जयपुर-दिल्ली हाइवे पर नाहरगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी में रह रहे हैं।
हैदराबाद के शेरों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद वन्य जीव प्रतिपालक की ओर से एडवाइजरी जारी करने के साथ ही इन शेरों के सैंपल जांच के लिए उत्तरप्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को भेजे गए थे। वहां से संस्थान के संयुक्त निदेशक (कैडेरेड) डॉ. केपी सिंह की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में लॉयन त्रिपुर के पॉजिटिव होने की जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से 13 बिग कैट्स के सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में लॉयन त्रिपुर के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों की पालना में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क 17 अप्रैल से बंद है।
केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण नई दिल्ली की ओर से 30 अप्रैल को जारी निर्देशों के पालन में 7 मई को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रहवास कर रहे शेर त्रिपुर, तारा और सृष्टि समेत बाघ रंभा, महक, नाहर, रानी, सफेद बाघ चीनू और पैंथर कृष्णा के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे। सैंपलिंग के समय सभी वन्यजीवों में कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे। अब सफेद बाघ चीनू, शेरनी तारा और पैंथर कृष्णा के सैंपल कोविड-19 की पुन: जांच के लिए भिजवाने के लिए निर्देशित किया गया है।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान के सभी प्राणियों के द्वारा सामान्य आहार लिया जा रहा है। सैंपल भेजने के बाद से वन्यजीवों और नाहरगढ़ जैविक उद्यान के अन्य प्राणियों में कोविड-19 से संबंधित किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। नाहरगढ़ जैविक उद्यान में वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर की ओर से कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए वन्यजीवों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक दवाइयां दी गई हैं। हालांकि डॉ. माथुर ने कहा कि उन्हें अभी तक त्रिपुर के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं मिली है।
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के लगभग 36 हेक्टेयर में लॉयन सफारी बनी हुई है। इसमें पहले 4 एशियाई शेर थे, जिनमें से कैलाश और तेजस की मौत हो चुकी है। अब लॉयन सफारी में शेरनी तारा और त्रिपुर ही बचे हैं। यहां सबसे पहले जूनागढ़ गुजरात से तेजिका नाम की शेरनी को जयपुर चिडिय़ाघर लाया गया था। बाद में, इन्हें लॉयन सफारी में शिफ्ट कर दिया गया। तेजिका की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। उसने तीन बच्चे दिए थे। इनमें त्रिपुर, तारा और तेजस थे। ये तीनों सफारी में साथ ही रहते थे। पिछले साल तेजस की भी मौत हो चुकी है।