कोरोना से जंग में संजय राय ‘शेरपुरिया’ बने संकट मोचन

– उद्योगपतियों व सक्षम व्यक्ति से आपदा के समय अपने गांव, शहर और जनपद में सहयोग की अपील 
-निजी संसाधन से आईसीयू वेंटीलेटर युक्त 50 बेड का हॉस्पिटल प्रशासन को मुहैया कराने का लिया संकल्प 
-अब तक 100 ऑक्सीजन कोन्सनस्ट्रेटर, 50 हजार मास्क, कोरोना टेस्टिंग किट्स और पी.पी.इ. किट्स, सम्पूर्ण मेडिकल सुविधा से सज्ज टेली– मेडिसिन वाहन उपलब्ध करवाने के साथ ही 10 हजार मेडिसिन किट करवा चुके हैं उपलब्ध 
गाजीपुर, 12 मई (हि.स.)। कोरोना संक्रमित गम्भीर रोगियों के लिए 50 बेड का कोरोना हॉस्पिटल जो वेंटिलेटर, ऑक्सीजन जनरेटर और आई.सी.यू. सुविधा युक्त रहेगा। शीघ्र ही जिला प्रशासन को अपने संसाधन से बनवाकर संजय राय शेरपुरिया द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। 
 खास बात यह कि अब तक उनकी संस्था यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन द्वारा जनपद को 100 ऑक्सीजन कोन्सनस्ट्रेटर, 50 हजार मास्क, हजारों की संख्या में कोरोना टेस्टिंग किट्स और पी.पी.ई. किट्स, सम्पूर्ण मेडिकल सुविधा से सज्ज टेली- मेडिसिन वाहन उपलब्ध करवाया जा चुका है। 
 इसके साथ ही लक्षण वाले कोरोना संक्रमित लोगों के लिए 10 हजार मेडिसिन किट भी उपलब्ध करवा चुके हैं। आधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं से युक्त वाहन द्वारा जनपद के गांव-गांव में घूमकर लोगों की जांच के साथ ही मुफ्त दवा की पैकेट उपलब्ध कराई जा रही है। जो अपने आप में एक मिसाल बनता नजर आ रहा है। 
 लोगों का कहना है कि एक तरफ जहां तमाम जनप्रतिनिधि भूमिगत हो गए हैं। उनका दर्शन तो दूर मोबाइल फोन पर बात भी नहीं हो पाता है। ऐसे में जनपद के लाल संजय राय शेरपुरिया द्वारा अचानक प्रकट होकर महामारी के दौर में निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करना ईश्वरीय वरदान साबित हो रहा है। 
 शेरपुरिया ने कहा कि “सरकार चोर है, सरकार बेईमान है, देश के लिए कोई काम नहीं कर रहा है, इतने लोग मर रहे हैं सरकार कोई चिंता ही नहीं है, हर जिले में एक हजार बेड का हॉस्पिटल बना देना चाहिए” ऐसे विविध प्रकार के समाचारों और बयानों को हम सब हर रोज सुनते हैं और पढ़ते हैं। क्या देश के ऊपर जब कोई भयावह खतरा आ जाए तब देश की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही होती है आम नागरिकों, राजनीतिज्ञों और उद्योगपतियों की कोई जवाबदेही नहीं होती। यह कोई समाचार नहीं। कोई भाषण नहीं लेकिन देश के जाने माने उद्योगपति और समाजसेवी संजय राय, “शेरपुरिया” के दिल का दर्द है।
  उनका कहना है कि सिर्फ सरकार के प्रति मुंह उठाकर बैठ जाएंगे तो मरने वालों कि गिनती करके थक जाएंगे। उन्होंने सिर्फ सोचा नहीं और न ही सिर्फ दुःख जताया बल्कि इस महामारी के कठिन समय में अपने कदम गाजीपुर जिला की ओर बढ़ा दिए। दो दिन पहले ही उन्होंने जिले के प्रशासन अधिकारी के साथ बात करके एक 50 बेड का कोरोना हॉस्पिटल तुरंत ही तैयार करने का फैसला किया। जो वेंटिलेटर, ऑक्सीजन जनरेटर और आई.सी.सी.यू. की सुविधाओं से सुज्जित रहेगा। 
 इस सुविधा के बाद आने वाले कुछ ही दिनों में गाजीपुर की जनता को अपनी जान बचाने के लिए वाराणसी या कोई अन्य शहर जाना नहीं पड़ेगा। पिछले एक साल से यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के माध्यम से गाजीपुर जिले में युवाओं और किसानों को आत्म-निर्भर बनाने का संकल्प लेकर अविरत काम करने वाले संजय राय ने इससे पहले एक सम्पूर्ण मेडिकल सुविधा से सज्ज टेली-मेडिसिन वाहन को गाजीपुर में उपलब्ध करवाया। यह एक सोलार पावर टेलीमेडिसिन वाहन है, जो रूरल विस्तारों के लिए उपयोगी है और हर तरह की सुविधा प्रदान कर सकता है। यह एक छोटा सा और सम्पूर्ण सुविधा वाला, मूविंग हॉस्पिटल जैसा वाहन है। इस वाहन के द्वारा गाजीपुर जिले के हर तहसील और गांवों में घर बैठे लोगों को कोरोना का इलाज शुरू हो गया। 
  उन्होंने एक एम्बुलेंस बस को भी कोरोना संक्रमित लोगों की सेवा में लगा दिया है। जो कोरोना जांच की तमाम सुविधा और दवाइयों के साथ गांव-गांव जाकर लोगों को सुविधा प्रदान कर रही है। खुद संजय राय की यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन की टीम के लिए पिछले आठ दिनों से रात-दिन का कोई फर्क नहीं रहा और जनपद की सेवा के लिए निकल पड़े। इस नेक कार्य में गाजीपुर जिला प्रशासन अधिकारी और आरोग्य अधिकारी ने भी अपने हाथ लगा दिए और जगह जगह पर टेस्टिंग एवं दवाई की सुविधा के लिए प्रशिक्षित लोग उपलब्ध करवा दिए गए, जिससे आसानी पूर्वक लोगों की मदद होने लगी। मेडिसिन किट, ऑक्सीजन कोन्सनस्ट्रेटर इत्यादि उपकरण फाउंडेशन की टीम जिले के हर तहसील, ब्लॉक और हर गांव में जरुरत के हिसाब से उपलब्ध करा रही है। 
संजय राय के मुताबिक जब जिले को गाजीपुर से ग्रेटर गाजीपुर की ओर ले जाना है तब जिले के हर व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य उपलब्ध करवाना और मुश्किल कि इस घड़ी में जिले के हर व्यक्ति के साथ खड़ा रहना, उनका नैतिक और प्रमाणिक कर्तव्य है। उनके कहने के अनुसार, देश की इस आपदा के समय में देश के हर उद्योगपति अगर अपनी संपति का कुछ हिस्सा अगर अपने गांव और जिले के लिए लगा दें तो हम इस महामारी से बहुत जल्द निपट पाएंगे।

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