पश्चिम रेलवे के उपनगरीय खंड पर ट्रेसपासिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में आई गिरावट

मुंबई, 06 मई (हि.स.)। पश्चिम रेलवे ने ट्रेसपासिंग की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनके कारण मुंबई उपनगरीय खंड पर रन ओवर और हताहत होने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2019-20 में 528 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो वर्ष 2020-21 में घटकर 222 हो गईं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार ट्रेसपासिंग के मामलों के नियंत्रण के लिए ढांचागत एवं प्रक्रियात्मक समाधान को अपनाते हुए रेल सुरक्षा बल एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के साथ मिलकर अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। हाल ही में रेलवे द्वारा 15.6 किलो मीटर बॉउंड्री वाल का निर्माण करते हुए मुंबई उपनगरीय खंड पर कुल 107.89 किलोमीटर बॉउंड्री वाल का निर्माण किया जा चुका है। एक अन्य उपाए के रूप में पश्चिम रेलवे द्वारा 33 स्थानों पर निजी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गेट उपलब्ध कराये गए हैं, जहां चल रहे निर्माण कार्य के लिए बाउंड्री वाल को तोड़ा जाना अपरिहार्य था। सभी स्टेशनों पर पटरियों के बीच में पर्याप्त ऊंचाई के डिवाइडर भी लगाए गए हैं। 145 चिन्हित स्थानों पर सुरक्षित बोर्डिंग व डी-बोर्डिंग के लिए बहुस्तरीय प्रयासों के तहत प्लेटफॉर्म की ऊंचाई और कोच के दरवाजे के बीच के अंतर को कम करने के लिए प्लेटफॉर्मों की ऊंचाई को बढ़ाया गया है। ट्रेसपासिंग को रोकने के लिए वर्ष 2020-21 में 64 तथा चालू वर्ष में 7 बाउंड्री वॉल गैप को बंद किया गया है। इसके अतिरिक्त मार्च 2021 तक मुंबई उपनगरीय खंड पर 276 अनधिकृत अतिक्रमण हटाए गए हैं। 
ठाकुर ने बताया कि ढांचागत विकास के अलावा आरपीएफ की सक्रिय भागीदारी के साथ मुंबई उपनगरीय खंड पर ट्रेसपासिंग के कारण होने वाली मृत्यु के आंकड़ों में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 57.95% की कमी आई है। रेल सुरक्षा बल ने ज्यादा ट्रेसपासिंग वाले संभावित स्थानों और स्टेशनों पर ‘यमराज’ नाम का एक अनूठा एंटी- ट्रेसपासिंग जागरुकता अभियान चलाया, जिससे पटरी पार करने वालों पर इसका एक मजबूत मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़े। पटरी पार करने वालों के खिलाफ रेल सुरक्षा बल द्वारा नियमित रूप से अभियान चलाकर वर्ष 2020 और 2021 में अप्रैल तक क्रमश: 10,600 और 3,400 व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया गया।
इस सम्बन्ध में बीएमसी और वीवीएमसी अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। आरपीएफ ने बड़े स्टेशनों पर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए हेल्प डेस्क भी लगाए हैं। ‘गोल्डन ऑवर’ के अंदर बेहतर प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करने के लिए उपनगरीय खंड के स्टेशनों पर इमरजेंसी मेडिकल रूम को खोला गया है। संभावित ट्रेसपासिंग के चिन्हित स्थानों पर 108 एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की गई है और आन ड्यूटी स्टेशन मास्टर द्वारा इसकी उपलब्धता पर 24 घंटे निगरानी रखी जाती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *