बीजिंग, 06 मई (हि.स.)। अंतरिक्ष में चीन के बेकाबू हुए राकेट ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं। चीनी राकेट लांग मार्च 5बी पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है जो तबाही मचा सकता है। पृथ्वी के वायुमंडल में आठ मई को प्रवेश करने वाले इस राकेट को लेकर पूरे विश्व में चिंता है।
अमेरिकी सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 21 टन का यह राकेट आठ मई के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस राकेट के वायुमंडल में पुन: प्रवेश की संभावित की तारीख बताते हुए कहा कि फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि यह पृथ्वी के वायुमंडल में किस क्षेत्र से प्रवेश करेगा।
स्पेस ट्रैक पर इस रॉकेट की स्थिति के बारे में नियमित जानकारी दी जा रही है। इसके बारे में जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, सरकार उसे भी उपलब्ध करवाती जा रही है। अन्य सेटेलाइट ट्रैक्टर्स ने भी 100 फीट लंबे और 16 फीट चौड़े राकेट के बारे में बताया है। इसे 2021-035बी नाम दिया गया है। यह प्रति सेकंड चार मील की गति से चल रहा है।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता माइक हावर्ड ने कहा कि अमेरिकी स्पेस कमांड की निगरानी में यह मामला है। चीन के राकेट की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल में इसके पुन: प्रवेश के कुछ घंटे पहले ही पता चल सकेगा कि यह किस जगह से प्रवेश करेगा।
पिछले सप्ताह अंतरिक्ष में चीन के आगामी स्पेस स्टेशन के पहले बिल्डिंग ब्लाक तिआनहे को भेजने के लिए लांग मार्च 5बी का इस्तेमाल किया था।
तिआनहे को चीन के हैनान प्रांत स्थित सेंटर से लांग मार्च 5बी के जरिये 29 अप्रैल को लांच किया गया था। यह चीन का सबसे बड़ा करियर राकेट है।
अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ जोनाथन मेगडोबल ने बताया कि यह अच्छे संकेत नहीं हैं। पिछली बार लांग मार्च 5बी राकेट छोड़ा था तो इसमें से धातु की बड़ी छड़ें आकाश में निकली थी, जिसके धरती पर टकराने के दौरान आइवरी कोस्ट में इमारतों को नुकसान पहुंचा था। कई छड़ें आकाश में ही जल गईं, लेकिन कुछ हिस्से धरती पर ही गिरे थे। हालांकि तब इससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह आगे बढ़ रहा है, उससे यह न्यूयार्क और मैड्रिड तथा दक्षिण में चिली या न्यूजीलैंड की ओर से प्रवेश कर सकता है। फिलहाल यह अनुमान है, क्योंकि इसका यात्रा मार्ग अनिश्चित है।
हालांकि उम्मीद है कि पृथ्वी के टकराने से पहले ही इसका अधिकांश हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा। जो हिस्सा नहीं जलेगा, वह भी समुद्र या किसी खुले स्थान पर ही गिरेगा। मगर इसके बावजूद जान-माल के नुकसान का अंदेशा बना हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह धीमी गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यदि यह भीड़ या आबादी वाले इलाके में गिरा तो गंभीर नुकसान हो सकता है।