नई दिल्ली, 03 मई (हि.स.)। राजधानी दिल्ली समेत देश के अधिकांश राज्यों में कोविड-19 से बिगड़ते हालात को देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की मांग की है। कैट ने केंद्र सरकार से यह मांग एक ऑनलाइन सर्वे के आधार पर की है, जिसमें अधिकांश लोगों ने अपनी राय देते राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की बात कही है।
कारोबारी संगठन कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशहित और लोगों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है। कारोबारी संगठन ने प्रधानमंत्री को यह भी आश्वासन दिया है कि राष्ट्रीय लॉकडाउन लागू होने पर पिछले साल की तरह इस बार भी देशभर में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता में कोई कमी नहीं होने देगा, ताकि किसी भी नागरिक को किसी सामान की दिक्कत ना हो।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट के सर्वे में राजधानी दिल्ली समेत देशभर के 9117 लोगों ने भाग लेकर राष्ट्रीय लॉकडाउन पर अपनी राय जाहिर की है। सर्वे में 78.2 फीसदी लोगों ने कहा है कि कोरोना देश में बेकाबू हो गया है, जबकि 67.5 फीसदी लोगों ने इससे निजात पाने के लिए देशभर में राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की वकालत की है।
खंडेलवाल ने कहा कि सर्वे में 73.7 फीसदी लोगो ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 यानी कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम है। वहीं, 82.6 फीसदी लोगों ने राजधानी दिल्ली के हालात से निपटने के लिए किसी केंद्रीय मंत्री को दिल्ली का प्रभारी मंत्री नियुक्त करने की वकालत की है, ताकि दिल्ली में कोरोना के बेकाबू हालात से निपटा जा सके।
कैट महामंत्री ने कहा कि किसी भी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुक्सान व्यापारियों का होता है, लेकिन देशहित और ‘राष्ट्र प्रथम’ को अपना पहला कर्तव्य मानते हुए हमने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से ये मांग की है कि लॉकडाउन लागू करने की स्थिति में जीएसटी, आयकर तथा अन्य करों की देयता तथा अन्य संवैधानिक अनिवार्यता को स्थगित करने के साथ बैंकों को भी ये निर्देश देना होगा की वो व्यापारियों से ब्याज और रकम वसूली को फिलहाल स्थगित करें, ताकि वे अपने कर्मचारियों को तनख्वाह दे सकें।