– मेडिकल व पैरामेडिकल के छात्रों को कोविड के मैदान में उतारेगी सरकार
लखनऊ, 03 मई (हि.स.)। लॉकडाउन 06 मई तक बढ़ाने के बाद योगी सरकार कोरोना महामारी से निपटने में जुटे सभी स्वास्थ्यकर्मियों का मानदेय बढ़ाने का फैसला की है। वहीं, मेडिकल से लेकर पैरामेडिकल तक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी कोरोना के विरुद्ध मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।
प्रदेश में कोविड के विरुद्ध युद्ध में जुटे सभी स्वास्थ्यकर्मियों की हालत डंवाडोल हो गई है। 24-24 घंटे काम करने के बाद वे भी बिमार पड़ने लगे हैं। अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब स्वास्थ्यकर्मियों के हितों की ओर नजर दौड़ाई है और कोरोना महामारी से निपट रहे स्वास्थ्यकर्मियों के होठों पर मुस्कान लाने की कोशिश की है।
योगी सरकार स्वास्थ्यकर्मियों का विशेष प्रोत्साहन के साथ ही साथ मानदेय बढ़ाएगी। वहीं, मेडिकल और पैरा मेडिकल के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी सेवा लेने पर पर विचार कर रही है। जिन छात्रों की सेवा ली जा जाएगी, उन्हें सरकार विशेष पैकेज देगी। इसके लिए जिलों में मैनपावर बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई। सरकार के इस कदम से एक ओर स्वास्थ्यकर्मियों को राहत मिलेगी, वहींं विद्यार्थियों को भी इस कोरोना काल में सहायता होगी। दूसरी ओर मरीजों के लिए भी राहत भरा फैसला होगा।
रंग लाया सीएम योगी का मोहल्ला प्रमुख का फॉर्मूला
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यूपी में देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग करने के लिए मोहल्ला प्रमुख का फॉमूला अपनाया गया। निगरानी के लिए मोहल्ले और टोलों में टीमें लगाकर कोरोना चेन तोड़ने की कोशिश हो रही है। मरीजों की संख्या में रिकार्ड घटोत्तरी दर्ज हुई है। प्रदेश में पिछले दस दिनों में लगातार टेस्टिंग की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। 24 अप्रैल को 1,86000 टेस्ट हुए तो 38 हजार संक्रमित मरीज मिले। दस दिन बाद रिकार्ड 2 लाख 97 हजार टेस्ट हुए तो संक्रमित की संख्या घट कर आई 30 हजार हो गई है। कोविड जांच के अनुपात में संक्रमण जो पहले 22 प्रतिशत था, दस दिन में संक्रमण आधे से ज्यादा घटकर 10 प्रतिशत पर पहुंचा है।
सादा वेशधारी अधिकारियों की कालाबाजारी पर नजर
बता दें कि कोरोना पर व्यापक नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ एक्शन ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने टीम-11 को भंग कर टीम-09 का गठन किया। सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर दी। वहीं दवाओं, जरूरी सामानों की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रदेश में सख्त हिदायत दी गई है। अधिकारी सादा वेश में भ्रमण कर कालाबाजारी पर नजर बनाए हुए हैं।