कोलकाता, 02 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दावा क्या सही साबित होगा। क्या भाजपा दो अंकों में सीटें ही जीत पायेगी। इस सवाल के जवाब को लेकर भाजपा, टीएमसी दलों के अलावा आमजनों में भी बहस हो रही है।दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि अगर भाजपा दो अंकों से अधिक सीटें जीत लेती है तो वे चुनावी रणनीति बनाने के काम छोड़ देंगे। पश्चिम बंगाल चुनाव परिणामों के आरंभिक रुझानों के मुताबिक अभी तक भाजपा को 100 से भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं। इससे प्रशांत किशोर का दावा सत्य होता दिख रहा है। प्रशांत किशोर ने कहा था कि चुनाव से पहले किसको कितनी सीट मिलेगी, यह बताना बहुत कठिन है, लेकिन भाजपा के प्रोपेगेंडा को काटने के लिए मुझे यह बात कहनी पड़ी है कि भाजपा डबल डिजिट क्रॉस नहीं करेगी।
चुनाव शुरू होने से लेकर मतदान तक केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी दावा किया था कि भाजपा विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने वाली है। शाह के इस प्रचार से तृणमूल समर्थकों का आत्मबल कमजोर होता देखकर प्रशांत किशोर इसके जवाब में भाजपा के डबल डिजिट से अधिक सीटें नहीं जीतने का मनोवैज्ञानिक पत्ता फेंका था।
चुनाव की तैयारियों के दौरान ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को जो राजनीतिक महत्व दिया था, उससे तृणमूल कांग्रेस में असन्तुष्टों के स्वर तीखे हुए थे। तृणमूल के बागियों ने भाजपा को इतना मजबूत कर दिया कि अब पश्चिम बंगाल का राजनीतिक परिदृश्य बदलने की कगार पर है।