नई दिल्ली, 14 दिसंबर:आज ऊर्जा संरक्षण दिवस है। ऊर्जा दक्षता में राष्ट्र की उपलिब्ध्यों को दर्शाने और ऊर्जा संरक्षण के महत्व को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष आज के दिन यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार और ऊर्जा संरक्षण-2025 पर राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतिस्पर्धा के विजेताओं को सम्मानित किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि वर्तमान समय की आवश्यकता है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि बचत की गई ऊर्जा की हर इकाई प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना को दर्शाती है। यह भविष्य के लिए संवेदनशीलता और परवाह का भी परिचायक है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत ने ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के पहले भारत ने अपनी स्वच्छ ऊर्जा वचनबद्धताओं को पूरा किया है। यह उन्नत ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है।
इस अवसर पर केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2025 के विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने इस कार्यक्रम को विकास और पर्यावरण संरक्षण को प्रतिबिम्बित करने वाला बताया। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण-2025 पर राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिमा के विजेताओं को भी बधाई दी। श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश के एक लाख दस हजार स्कूलों के तिरासी लाख से अधिक विद्यार्थियों ने इस प्रतिस्पर्धा में भागीदारी की।
ग्रुप-वन में ऊर्जा दक्षता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का प्रथम पुरस्कार कर्नाटक को दिया गया। आंध्र प्रदेश को ग्रुप-टू में पहला पुरस्कार दिया गया। वहीं केरल को ग्रुप-तीन में विजेता चुना गया। ग्रुप-चार में असम ने पहला स्थान प्राप्त किया और चंडीगढ़ ने ग्रुप-पांच में पहला स्थान जीता।
ऊर्जा संरक्षण-2025 पर राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिता में ग्रुप-ए वर्ग में अम्बाला के अनुज प्रिंस ने पहला पुरस्कार जीता। वहीं, ग्रुप-बी वर्ग में ओडिशा के सौम्य जीत मलिक विजेता रहे।
