पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तटीय सर्किट पहल के अंतर्गत 68 करोड़ रुपये और प्रसाद योजना के तहत बेलूर मठ के विकास के लिए 31 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। श्री शेखावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके बाद भी, राज्य सरकार राज्य में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित, धार्मिक पर्यटन के विकास के लिए स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी विभिन्न योजनाओं में भाग नहीं ले रही है।

लोकसभा में पूरक प्रश्नों के उत्‍तर में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि यह राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है क्योंकि यह राज्य का विषय है। राष्ट्रीय तीर्थयात्रा योजना में गंगासागर को शामिल करने पर उन्‍होंने कहा कि भारतीय पौराणिक कथाओं और संस्कृति में गंगासागर का अत्यधिक महत्व है, लेकिन विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है, उसके बाद ही मंत्रालय आवश्यक कार्रवाई करेगा।

पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य ग्रामीण, हिमालयी, तटीय, बौद्ध जैसे विषयगत पर्यटन सर्किट विकसित करना है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले, रोज़गार सृजित हों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिले। प्रसाद योजना 2014-15 में शुरू की गई एक सरकारी पहल है। इसका उद्देश्य समूचे भारत में तीर्थ स्थलों का विकास करना है।

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