राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्‍ली में चाणक्‍य रक्षा संवाद-2025 को संबोधित किया

नई दिल्ली, 27 नवंबर:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने राष्ट्र की संप्रभुता का मार्गदर्शन करने में देशभक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया है। नई दिल्ली में चाणक्य रक्षा संवाद (सीडीडी) में राष्ट्रपति ने कहा कि सशस्त्र बलों ने हर सुरक्षा चुनौती के दौरान उल्लेखनीय अनुकूलनशीलता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता देश की आतंक रोधी और निवारक रणनीति में एक निर्णायक क्षण है। राष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया ने न केवल भारत की सैन्य क्षमता पर ध्यान दिया है, बल्कि शांति की खोज में दृढ़ता और ज़िम्मेदारी से कार्य करने की उसकी नैतिक स्पष्टता पर भी ध्यान दिया है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि अपनी परिचालन भूमिका से परे भारतीय रक्षा बल राष्ट्रीय विकास का एक स्तम्‍भ बने हुए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीमाओं को मज़बूत करने के अतिरिक्‍त रक्षा बलों ने बुनियादी ढांचे, संपर्क, पर्यटन और शिक्षा के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में भी मदद की है।

इस अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि विश्व एक बहुध्रुवीय व्यवस्था में जी रहा है जहाँ प्रमुख शक्तियाँ लगातार संघर्ष कर रही हैं और दीर्घकालिक शांति का ह्रास हो रहा है। सेना प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के 5 एस दृष्टिकोण – सम्मान, संवाद, सहयोग, समृद्धि और सुरक्षा – का दृष्टिकोण भारतीय सेना को इस तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में निर्णायक और तत्पर बने रहने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण संपूर्ण राष्ट्रीय पारिस्थितिकी तंत्र को अमृत काल के माध्यम से विकसित भारत की दिशा में विचार-विमर्श, समन्वय और कार्य करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसी दृष्टिकोण से इस वर्ष के संवाद का विषय “सुधार से परिवर्तन, सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत” है, जो एक मजबूत, सुरक्षित और विकसित भारत है।

यह दो दिन का कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा जो 2047 तक विकसित भारत के निर्माण हेतु रक्षा सुधारों, तकनीकी परिवर्तन, नागरिक-सैन्य एकीकरण और देश की उभरती सुरक्षा प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करेंगे।

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