कल अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दौरा करेंगे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

नई दिल्ली, 24 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दौरा करेंगे और देश के सामाजिक-सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सप्तमंदिर जाएंगे, जहाँ महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से संबंधित मंदिर स्थित हैं। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर के दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर भी जाएंगे। इसके बाद, वे राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराएंगे। यह मंदिर निर्माण के पूरा होने और सांस्कृतिक उत्सव एवं राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी को, श्री राम और माता सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा, जो दिव्य मिलन का प्रतीक है। यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के शहादत दिवस को भी चिह्नित करती है। उन्होंने 17वीं शताब्दी में अयोध्या में 48 घंटे तक निरंतर ध्यान किया था।

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण त्रिभुजाकार ध्वज पर भगवान श्री राम के तेज और पराक्रम के प्रतीक एक दीप्तिमान सूर्य की छवि है, जिस पर कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ ‘ओम’ अंकित है। पवित्र भगवा ध्वज राम राज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा। ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्थापत्य शैली में निर्मित शिखर के ऊपर स्थापित किया जाएगा, जबकि मंदिर के चारों ओर निर्मित 800 मीटर का परकोटा, जो दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में डिजाइन किया गया है, मंदिर की स्थापत्य कला की विविधता को प्रदर्शित करता है।

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 जटिल रूप से तराशे गए पत्थर के प्रसंग और परिसर की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग अंकित हैं।

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