पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी चेतावनी, कहा “चक्रव्यूह” में फंसने से बचें

नई दिल्ली, २२ नवम्बर: भोपाल में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति गलत नैरेटिव (कथानक) में फंस जाता है, तो उससे बाहर निकलना बहुत कठिन हो जाता है। यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी थी, जो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने के चार महीने बाद दी।

धनखड़, जो 74 वर्ष के हैं, ने जुलाई में स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से राजनीतिक हलकों में विशेष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा के साथ उनके संबंधों में खराबी को लेकर अटकलें लग रही थीं। हालांकि, धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों को बताया, लेकिन कई लोग मानते हैं कि भाजपा के साथ उनके मतभेद इसके मुख्य कारण थे।

भोपाल में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा, “गलत नैरेटिव में फंसने पर उससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “ईश्वर न करे, कोई अगर इस चक्रव्यूह में फंस जाए, तो उसे बाहर निकलना बहुत कठिन हो जाता है।” उनकी इस टिप्पणी पर वहां उपस्थित लोग हंसी में फट पड़े।

धनखड़ ने यह भी कहा, “यह किताब हमारे गौरवमयी अतीत का आईना है। यह हमें हमारे सांस्कृतिक मूल्यबोध के बारे में जागरूक करेगा और सोए हुए लोगों को जगाएगा।” इसके अलावा, उन्होंने अपनी बातों के बीच अंग्रेजी में भी कुछ शब्द कहे, जिसमें उन्होंने उन लोगों को इशारा किया जो उनकी राय को समझना नहीं चाहते या जानबूझकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करते हैं।

इसी दौरान, धनखड़ को फ्लाइट से जुड़ी एक संदेश प्राप्त हुआ, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज करते हुए अपनी बात जारी रखी। उन्होंने कहा, “मैं अपनी जिम्मेदारी छोड़ नहीं सकता, फ्लाइट के बारे में सोचकर। मेरा हालिया अतीत ही इसका प्रमाण है।”

हालांकि, धनखड़ की भोपाल यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार का कोई प्रतिनिधि उन्हें हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए नहीं आया, जिस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुटकी ली। उन्होंने आरोप लगाया, “भा.ज.पा. ‘इस्तेमाल करो और फेंको’ की नीति अपनाती है।”

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