नई दिल्ली, 18 नवंबर: अमरीकी विदेश विभाग द्वारा वित्तपोषित संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अमरीका के कॉलेजों में 2025 में भारतीय विद्यार्थियों के प्रवेश में काफी गिरावट देखी जा रही है। वर्ष 2024-25 में भारत से स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 10% की गिरावट आई। वहीं 2025 में कुल विदेशी विद्यार्थियों की संख्या में 17% की गिरावट आने का अनुमान है। अमरीका के 61% से अधिक संस्थानों ने भारतीय विद्यार्थियों के प्रवेश में कमी आने की सूचना दी है। इनमें से 96% विद्यार्थियों ने वीजा आवेदन संबंधी चिंताओं और इसके बाद यात्रा प्रतिबंध को मुख्य कारण बताया है।
इसके बावजूद 2024-25 में भारत विदेशी विद्यार्थियों का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। यह संख्या सभी स्नातक विद्यार्थियों की लगभग आधी और कुल भर्ती की एक-तिहाई है।
रिपोर्ट में इस गिरावट का कारण अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को ट्रम्प-काल में कड़ी जांच से जोड़ा जाना है। इनमें एच-1बी वीजा के दुरुपयोग की 170 से अधिक जांच, एच-1बी आवेदन शुल्क का प्रस्तावित एक लाख डॉलर और रूढ़िवादी सांसदों द्वारा एच-1बी कार्यक्रम को प्रतिबंधित करने या यहां तक कि समाप्त करने के विधायी प्रयास शामिल हैं। जनवरी महीने के बाद अमरीका के विदेश मंत्रालय ने लगभग 6000 विद्यार्थियों का वीजा रद्द कर दिया है। अमरीका की उच्च शिक्षा आबादी में अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या लगभग 6% है। अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की यह संख्या अर्थव्यवस्था में लगभग 55 अरब डॉलर का योगदान करती है और 3 लाख 55 हजार नौकरियों में समर्थन देती है।
