भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान विरोधी प्रतिबंध समिति की आलोचना की

नई दिल्ली, 15 नवंबर: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान विरोधी प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता और आतंकवाद-रोधी पैनल की सह-अध्यक्षता करने वाले पाकिस्तान की आलोचना की है। भारत ने कहा कि परिषद के उन सदस्यों को समितियों की अध्यक्षता करने से रोका जाना चाहिए, जो इनका इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए करते हैं। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कल परिषद की कार्यप्रणाली पर हुई बहस में यह बात कही। हालांकि, श्री हरीश ने पाकिस्तान या तालिबान प्रतिबंध समिति या आतंकवाद-रोधी पैनल का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वे किसकी और किन समितियों की बात कर रहे थे। यह पैनल 1988 समिति के रूप में जाना जाता है, जिसे तालिबान सदस्यों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। इन्हीं प्रतिबंधों के कारण अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताकी की पिछले महीने हुई भारत यात्रा विलंबित हुई थी।

पाकिस्तान तालिबान के नेतृत्व वाले अफ़ग़ानिस्तान के साथ संघर्ष में उलझा हुआ है। हाल ही में उनकी सेनाओं के बीच झड़पें हुई हैं। पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी समिति का सह-अध्यक्ष है, जबकि वह कई नेताओं और आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है, इनमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूह भी शामिल हैं। श्री हरीश ने सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समितियों के कामकाज और उनके अध्यक्षों के चयन पर छाए गोपनीयता के पर्दे को हटाने का भी आह्वान किया।