बांग्लादेश में ‘जुलाई चार्टर’ को लागू करने के लिए राष्ट्रीय जनमत संग्रह होगा: प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनूस ने की घोषणा

ढाका, १३ नवम्बर: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनूस ने गुरुवार को घोषणा की कि देश आगामी दिनों में अपने ‘जुलाई चार्टर’ को लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह आयोजित करेगा। यह चार्टर पिछले साल छात्रों द्वारा नेतृत्व किए गए संघर्ष के बाद तैयार किया गया था, जिसमें कई लोगों की जानें गई थीं।

उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि २०२४ में फरवरी महीने में संसदीय चुनाव आयोजित किए जाएंगे, और ये चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे।

‘जुलाई चार्टर’ का उद्देश्य देश की राजनीति और संस्थाओं को पुनर्गठित करना और २०२४ के जन आंदोलन को संविधानिक मान्यता देना है। यह आंदोलन ही था, जिसने प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत भागने पर मजबूर कर दिया था।

अक्टूबर महीने में अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस चार्टर पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पिछले साल के आंदोलन के नेता और चार वामपंथी दलों से बना ‘नेशनल सिटीजन्स पार्टी’ (एनसीपी) ने इसका बहिष्कार किया है।

एनसीपी ने अपने बहिष्कार का कारण बताते हुए कहा कि चार्टर में जो प्रतिबद्धताएँ की गई हैं, उनके कार्यान्वयन के लिए कोई कानूनी ढांचा या बाध्यकारी गारंटी नहीं दी गई है।

चार्टर के समर्थक इसे संविधानिक सुधारों की नींव के रूप में देख रहे हैं, जबकि आलोचकों का कहना है कि बिना कानूनी ढांचे और संसद की सहमति के इसके प्रभाव मुख्यतः प्रतीकात्मक हो सकते हैं।