मुंबई, 24 सितंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मित्र देशों पर उच्च शुल्क लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना न्यू जर्सी के गवर्नर और डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता फिल मार्फी ने की। बुधवार को मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में 50% शुल्क लेकर अंततः एक समझौता संभव है और इस समझौते में तेल व्यापार को लेकर एक “ग्रैंड बार्गेन” भी शामिल हो सकती है।
छह दिवसीय भारत दौरे पर आए मार्फी ने ट्रंप की व्यापार नीति को ‘गलत कदम’ करार दिया। उन्होंने कहा, “मित्र देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाना सही रास्ता नहीं है। वर्तमान नीति को शिथिल कर अधिक व्यावहारिक समाधान खोजा जा सकता है।”
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले समय में भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अमेरिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वर्तमान में भारत, अमेरिका का पांचवां सबसे बड़ा अप्रतिषोधित तेल आयातक और दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी खरीदार है।
मार्फी ने रूस के खिलाफ ट्रंप की कड़ी स्थिति का समर्थन करते हुए कहा कि रूस को जवाबदेह ठहराना आवश्यक है। लेकिन मित्र देशों को दंडित करना गलत है। चीन के बारे में उन्होंने कहा, “चीन को किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता; उन्हें जवाबदेह ठहराना होगा।”
न्यू जर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय का उल्लेख करते हुए मार्फी ने कहा कि हाल की वीज़ा नीतियां, विशेषकर H-1B और स्टूडेंट वीजा नियम, भारतीय छात्रों और पेशेवरों को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि अमेरिकी विश्वविद्यालय भारत में 1+3 या 2+2 जैसे संयुक्त शिक्षा कार्यक्रम चला सकते हैं।
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर आशावादी सुर में मार्फी ने कहा, “यह एक अस्थायी चरण है, दीर्घकालिक संकट नहीं। भरोसा पुनः स्थापित करना आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि भारत-अमेरिका का मजबूत संबंध बरकरार रहेगा।”
