नई दिल्ली, 27 सितंबर:
कांग्रेस नेता और विपक्ष के प्रमुख चेहरा राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के चार देशों के दौरे पर रवाना हो चुके हैं। इस विदेश यात्रा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी भारत के खिलाफ एक “वैश्विक गठबंधन” तैयार करने की कोशिश করছেন और इस योजना के पीछे विवादित अरबपति जॉर्ज सोरोस का हाथ রয়েছে।
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्टে लिखते हैं, “राहुल गांधी एक बार फिर विदेश यात्रा पर! इस बार दक्षिण अमेरिका की ओर रवाना हुए हैं। अब देखने वाली बात ये है कि इस बार उनके गुप्त ‘भारत-विरोधी’ मेहमान कौन होने वाले हैं?” उन्होंने आगे लिखा, “राहुल गांधी भारत के राष्ट्र और लोकतंत्र के खिलाफ वैश्विक स्तर पर लड़ाई लड़ना चाहते हैं। उनके मार्गदर्शक जॉर्ज सोरोस इस पूरी योजना के पीछे हो सकते हैं।”
भंडारी ने राहुल गांधी की इस यात्रा के समय को भी “संदिग्ध” बताया और कहा कि यह वही समय है जब पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे पहले भी राहुल गांधी ने विदेशी शक्तियों से भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की मांग की है, अमेरिकी सांसद इल्हान ओमर जैसे भारत-विरोधी व्यक्तियों से मुलाकात की है और खालिस्तानी आतंकी पन्नू से समर्थन प्राप्त किया है।
भाजपा के इन आरोपों के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के चार देशों—जिनमें ब्राज़ील और कोलंबिया प्रमुख हैं—के दौरे पर हैं। इस दौरान वे इन देशों के राष्ट्रपतियों और अन्य उच्च पदस्थ नेताओं से मुलाकात करेंगे, साथ ही विश्वविद्यालयों के छात्रों और व्यापारिक समुदाय से संवाद करेंगे। कांग्रेस के अनुसार, इस यात्रा का मकसद भारत के लिए वैश्विक व्यापार अवसरों की तलाश और रणनीतिक साझेदारों से संबंध मजबूत करना है।
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “इस दौरे का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक साझेदारी को मज़बूत करना और भारत के वैश्विक संबंधों का विस्तार करना है।” कांग्रेस ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया की प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ में छात्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि भविष्य की नेतृत्वकारी पीढ़ी के साथ सीधा संवाद स्थापित हो सके।
राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप एक बार फिर चरम पर पहुंच गए हैं। भाजपा जहां इसे “देशविरोधी गतिविधि” से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस इसे “लोकतंत्र और कूटनीतिक संवाद” का हिस्सा बता रही है। इस विवाद ने विदेश यात्राओं को लेकर एक बार फिर ‘राष्ट्रभक्ति बनाम विचार विनिमय’ की बहस को जन्म दे दिया है।
