शिलांग, 26 सितंबर: मेघालय सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय के खिलाफ वन भूमि अतिक्रमण के आरोपों पर केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट की जाँच के लिए एक सत्यापन समिति का गठन किया है।
उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग ने गुरुवार को कहा कि समिति केंद्रीय चुनाव आयोग की टिप्पणियों की पुनः जाँच करेगी और रिपोर्ट में उल्लिखित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करेगी।
असम भाजपा नेता जितुल डेकर द्वारा दायर एक याचिका के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह जाँच शुरू की है। शिकायत में दावा किया गया है कि यूएसटीएम ने वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया है।
तिनसॉन्ग ने आगे कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खान एवं भूविज्ञान विभाग और स्थानीय प्रशासन के विशेषज्ञ भी सत्यापन प्रक्रिया में भाग लेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के सत्यापन और जाँच पूरी होने के बाद ही अगला निर्णय लिया जाएगा।
