माननीय प्रधानमंत्री मिजोरम के आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे

मालीगांव, 12 सितंबर, 2025:

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 13 सितम्बर 2025 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल का दौरा करेंगे। इस अवसर पर वे 9,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं का उद्घाटन/समर्पण/शिलान्यास करेंगे। इनमें बइरबी–सायरंग नई रेललाइन, 45 किलोमीटर लंबा आइजोल बाईपास सड़क (पश्चिमी दिशा), थेनज़ोल–सियालसुक सड़क, खानकाउन–रोंगुरा सड़क, आईओसीएल द्वारा मुअलखांग में 30 टीएमटीपीए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट तथा अन्य कई विकास परियोजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं से लुंगलेई, सियाहा, लवंगतलाई, लेंगपुई हवाई अड्डा एवं सायरंग रेलवे स्टेशन आदि तक संपर्क बेहतर होगा। दक्षिणी जिलों से आइजोल की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री लवंगतलाई–सियाहा मार्ग पर छिमतुईपुई नदी पर पुल का शिलान्यास भी करेंगे, जो सभी मौसम में संपर्क प्रदान एवं यात्रा समय कम करेगा। यह पुल कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ढ़ाचे के तहत सीमा पार व्यापार में भी सहायक होगा। प्रधानमंत्री खेलो इंडिया बहुउद्देशीय इंडोर हॉल का भी शिलान्यास करेंगे, ताकि खेलों को बढ़ावा मिल सके।

प्रधानमंत्री इस क्षेत्र में नवनिर्मित बइरबी-सायरंग रेलवे लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह परियोजना भारत सरकार की “एक्ट ईस्ट नीति” की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इस कार्यक्रम में तीन महत्वपूर्ण लंबी दूरी की रेल सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी, जो आइज़ोल (सायरंग) और दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) के बीच राजधानी एक्सप्रेस, आइज़ोल (सायरंग) को गुवाहाटी से जोड़ने वाली एक एक्सप्रेस ट्रेन और आइज़ोल (सायरंग) को कोलकाता से जोड़ने वाली एक अन्य एक्सप्रेस ट्रेन है।

51.38 किलोमीटर लम्बी यह ब्रॉड गेज रेललाइन लगभग ₹8,070 करोड़ की लागत से निर्मित की गई है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में बनी इस लाइन में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल, 88 छोटे पुल तथा 10 आरओबी/आरयूबी शामिल हैं। नई लाइन का लगभग 54% हिस्सा केवल सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है। इनमें पुल संख्या 144 एक अद्वितीय इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इसके पिलर की ऊँचाई 114 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है। इस परियोजना से हरतकी, कॉनपुई, मुअलखांग और सायरंग चार नए स्टेशन भी बने हैं, जो आइजोल और कोलासिब जिलों की बस्तियों को जोड़ेगे।

यह नई रेललाइन असम–मिज़ोरम सीमा पर स्थित बइरबी से सायरंग (आइजोल के निकट) तक रेल संपर्क प्रदान करती है, जिससे राज्य की राजधानी पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से सीधा जुड़ गया है। इसके साथ ही आइजोल पूर्वोत्तर की चौथी राजधानी बन गई है, जिसे गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद रेल संपर्क प्राप्त हुआ है। इस विकास से यात्रियों और माल दोनों की तीव्र, सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय आवाजाही सुनिश्चित करके क्षेत्र में यात्रा और लॉजिस्टिक में बदलाव आने की उम्मीद है।

बइरबी-सायरंग परियोजना, पूर्वोत्तर के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और समावेशी विकास के भारत सरकार के दृष्टिकोण के तहत एक परिवर्तनकारी कदम का प्रतिनिधित्व करती है। यह लॉजिस्टिक लागत को कम करके, किसानों और उद्यमियों के लिए बाज़ार पहुँच में सुधार करके और चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार, पर्यटन और उद्योग आदि क्षेत्रों में नए अवसर और विकास का सृजन कर आर्थिक विकास को सहयोग करेगी। नई लाइन का उद्घाटन और दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता के लिए सीधी ट्रेनों की शुरुआत, मिज़ोरम को देश के बाकी हिस्सों के साथ और अधिक घनिष्ठ रूप से एकीकृत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो क्षेत्रीय समृद्धि की ओर तीव्र गति से अग्रसर होने का प्रतीक है।