एम्स दिल्ली ने ‘नेवर अलोन’ लॉन्च किया: आत्महत्या रोकथाम के लिए एआई-आधारित मानसिक स्वास्थ्य पहल

नई दिल्ली, 10 सितंबर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली ने आज ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के अवसर पर एक अभिनव कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम “नेवर अलोन” शुरू किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति को कम करना और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

‘नेवर अलोन’ एक वेब-आधारित ऐप के माध्यम से 24 घंटे ऑनलाइन और ऑफलाइन परामर्श सेवा प्रदान करेगा, जिसे व्हाट्सएप के जरिए आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ऐप सुरक्षित है और प्रति छात्र प्रति दिन केवल 70 पैसे की लागत पर व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की सुविधा प्रदान करता है, यदि किसी संस्थान में कम से कम 5,000 छात्र हैं।

एम्स के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने बताया कि यह पहल समाज में आत्महत्या से जुड़े कलंक को कम करने और छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2022 में भारत में 1.7 लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 18-30 वर्ष के युवाओं का प्रतिशत 35 था।

डॉ. कुमार ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य के बारे में समाज में अभी भी बहुत गलत धारणाएँ और शर्मिंदगी है। यह प्रौद्योगिकी-आधारित पहल छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि ज़रूरत पड़ने पर वे आसानी से सहायता प्राप्त कर सकें।”

‘नेवर अलोन’ ऐप के माध्यम से छात्र न केवल मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग करा सकते हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सीधे परामर्श भी कर सकते हैं। एम्स को उम्मीद है कि यह प्रौद्योगिकी-समर्थित मानसिक स्वास्थ्य पहल देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तक जल्दी पहुंचेगी और आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को रोकने में प्रभावी साबित होगी।