मालदा, 7 सितंबर: मालदा जिले में राजनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जहां तृणमूल कांग्रेस के विधायक और जिला अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने सार्वजनिक रूप से एक भाजपा नेता के गले में एसिड डालने की धमकी दी है। उन्होंने शुक्रवार को मालतीपुर के इनायतनगर में एक विरोध प्रदर्शन सभा में यह टिप्पणी की। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
तृणमूल की विरोध सभा का आयोजन बांग्ला भाषा के ‘अपमान’ और अन्य राज्यों में बंगालियों पर ‘अत्याचार’ के आरोप के खिलाफ किया गया था। उसी सभा से अब्दुर रहीम बख्शी ने नाम लिए बिना सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “अगर कोई भाजपा विधायक बंगाल के श्रमिकों को ‘बांग्लादेशी रोहिंग्या’ कहता है, तो मैं उसके गले में ऐसा एसिड डाल दूंगा कि वह फिर कभी बोल न पाए।”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा का सामाजिक बहिष्कार करो। उनके झंडे फाड़ दो।” बख्शी यहीं नहीं रुके; उन्होंने सभा में मौजूद जनता से कहा, “अगर जरूरत पड़े तो भाजपा सांसदों को पीटकर भगा दो।”
इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता अमलान भादुड़ी ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस अब हिंसा की राजनीति को सामान्य कर रही है।” भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले भी बख्शी ने भाजपा, सीपीआईएम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ-पैर काटने की धमकी दी थी। यह तृणमूल की राजनीतिक संस्कृति का प्रतिबिंब है।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया, “मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में, जहां अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या तृणमूल के वोट बैंक बन गए हैं, इस तरह की धमकियां स्पष्ट करती हैं कि तृणमूल कैसे डर की राजनीति चला रही है।”
हालांकि, आलोचनाओं के बाद अब्दुर रहीम बख्शी ने खुद को निर्दोष बताया है। मीडिया से उन्होंने कहा, “मैंने कोई अलोकतांत्रिक टिप्पणी नहीं की है। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।”
इस घटना को लेकर राज्य की राजनीति में एक नया विवाद शुरू हो गया है। विपक्ष सवाल उठा रहा है- “यह लोकतंत्र है या आतंकवाद?”
