नई दिल्ली/मुंबई/चंडीगढ़/शिमला/श्रीनगर, 7 सितंबर – भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आज भारत के पश्चिमी राज्यों राजस्थान और गुजरात में बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। इन दोनों राज्यों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। पूर्वी राजस्थान, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में भी आज भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी छिटपुट भारी बारिश की संभावना है। इसी के साथ, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और उत्तराखंड में भी भारी बारिश का खतरा है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में आज तेज सतही हवाएं चल सकती हैं।
पंजाब में बाढ़ की स्थिति और नुकसान
पंजाब में बाढ़ की स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में आने के बावजूद, अमृतसर और रूपनगर में पिछले 24 घंटों में तीन और लोगों की मौत की खबर मिली है, जिससे राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। पठानकोट में अभी भी तीन लोग लापता हैं। राज्य के 14 जिलों के 1,996 गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग 3.87 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने बताया है कि अंतरिम अनुमान के अनुसार, नुकसान पहले ही 13,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और बीएसएफ के संयुक्त प्रयासों से 23,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में गुरदासपुर, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर, कपूरथला और तरनतारन शामिल हैं।
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है। जम्मू के उधमपुर में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना ने हवाई मार्ग से 5.9 टन जीवन रक्षक खाद्य सामग्री गिराकर मानवीय सहायता प्रदान की है। हिमाचल में 17 घंटे के बचाव अभियान में 540 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस मॉनसून सीजन में हिमाचल में 135 भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लाहौल-स्पीति जिले में 27 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड हुए हैं, जबकि मंडी जिले में सबसे ज्यादा 19 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश में नुकसान का आंकलन
हिमाचल में अब तक 366 लोगों की मौत हुई है और 41 लोग लापता हैं। शुरुआती अनुमान के अनुसार, राज्य में सरकारी बुनियादी ढांचे को 4,079 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को ₹2,743 करोड़, जल शक्ति विभाग को ₹2,518 करोड़ और बिजली विभाग को ₹139 करोड़ का नुकसान हुआ है। राज्य में अब तक 6,025 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 3 राष्ट्रीय राजमार्ग और 897 संपर्क सड़कें बंद हैं। 1,497 पावर ट्रांसफार्मर और 388 जल आपूर्ति परियोजनाएं काम नहीं कर रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में मौसम और सड़क की स्थिति
जम्मू-कश्मीर में भी मौसम की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने बताया है कि 12 सितंबर तक राज्य में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन कोई बड़ा मौसम संबंधी खतरा नहीं है। आज और कल राज्य के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में रात या सुबह के समय मध्यम बारिश भी हो सकती है। हालांकि मुगल रोड पर यातायात सुचारु है, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग छठे दिन भी बंद है। सड़क की मरम्मत का काम चल रहा है और नागरिकों को इस रास्ते से बचने की सलाह दी गई है।
कुल मिलाकर, देश के कई राज्यों में अत्यधिक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण भारी आपदा की स्थिति बनी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार, सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन संयुक्त रूप से बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं।
