नई दिल्ली, 6 सितंबर: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आगामी सोमवार, 8 सितंबर को ब्रिक्स वर्चुअल समिट में हिस्सा लेंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति और व्यापार संबंधी तनावों का सामूहिक रूप से सामना करने के लिए एक साझा रणनीति तैयार करना है।
बैठक की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लुला दा सिल्वा करेंगे, जो वर्तमान में ब्रिक्स का चेयर देश है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने शुक्रवार को बताया कि यह नेताओं स्तर की बैठक होगी और भारत की ओर से जयशंकर इसमें भाग लेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि वाशिंगटन द्वारा ब्रिक्स के एजेंडे को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने जयशंकर को प्रतिनिधि के रूप में नामित किया है। यह कदम भारत की कूटनीतिक संतुलन नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
7 अगस्त को ब्राजील के राष्ट्रपति लुला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने का आश्वासन दिया था। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने हाल ही में ब्राजील के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जो भारत के लिए भी प्रासंगिक है।
ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जबकि 2024 में इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और UAE और 2025 में इंडोनेशिया शामिल हुआ। यह समूह वर्तमान में लगभग 49.5% वैश्विक जनसंख्या, 40% वैश्विक GDP और 26% वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन की चेतावनियों और तथाकथित “डी-डॉलराइजेशन” प्रयास के मद्देनजर सोमवार की बैठक अंतरराष्ट्रीय राजनीति में विशेष महत्व रखती है।
