चेन्नई, २ सितंबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज चेन्नई में सिटी यूनियन बैंक के १२० साल पूरे होने के अवसर पर बोलते हुए कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यह स्थिर गति से आगे बढ़ रही है।” उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से देश का प्रत्येक नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना करते हुए कहा, “सरकार नागरिक-केंद्रित योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी अंतर को सफलतापूर्वक कम कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज, एक मोबाइल बटन दबाने पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हो जाती हैं। नतीजतन, बैंकों में लंबी कतारों का युग लगभग समाप्त हो गया है।” राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि देश में ५६ करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं, जिससे दूर-दराज और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोग सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिससे बिचौलियों की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
उन्होंने किसान सब्सिडी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण, मोबाइल बैंकिंग, माइक्रो लोन और बीमा सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “हालांकि डिजिटल बैंकिंग के कई फायदे हैं, फिर भी लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें विभिन्न धोखाधड़ी का खतरा होता है।”
इस अवसर पर उपस्थित वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर ७.८ प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत और जीवंत है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि १८ साल बाद अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने भारत की लंबी अवधि की संप्रभु ऋण रेटिंग का मूल्यांकन किया है, जो देश की आर्थिक स्थिरता का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा, “निजी बैंक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि जुलाई में देश की मुद्रास्फीति ८ साल के सबसे निचले स्तर १.५ प्रतिशत पर आ गई है और राजकोषीय घाटा ९.२ प्रतिशत से घटकर ४.४ प्रतिशत पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ ने २२ लाख नए सदस्यों को पंजीकृत किया है। जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में से ६७ प्रतिशत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं, और ५६ प्रतिशत महिलाओं के नाम पर हैं।
राष्ट्रपति और वित्त मंत्री के भाषणों में आर्थिक समावेशन, डिजिटल बैंकिंग और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से केंद्र सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता और प्रभावी कदमों पर जोर दिया गया।
