अगरतला, 30 जुलाई:
सीपीआईएम 8 अगस्त को मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर रही है। आज पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन का कड़ा विरोध किया।
उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन के ज़रिए मुसलमानों और अनुसूचित जातियों यानी निम्न वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। क्योंकि आम मेहनतकश जनता भाजपा के जुल्म के आगे झुकने वाली नहीं है। और अगर वे वोट देते हैं, तो चुनाव नतीजों में भाजपा की हार तय है। इसलिए इस संशोधन के नाम पर उनके नाम चुन-चुनकर मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। उन्हें बाहर करके ही भाजपा विभिन्न राज्यों के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी। माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि इसी उद्देश्य से यह काम किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में भाजपा गठबंधन की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इसलिए, चुनाव आयोग को चुनाव से ठीक पहले इस संशोधन के नाम पर एबीवीपी के मतदान को रद्द करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी तरह, टिपरा मठ त्रिपुरा में इस प्रणाली को लागू करने की कोशिश कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आशंका व्यक्त की है कि अगर इसके खिलाफ आंदोलन नहीं चलाया गया और इसका विरोध नहीं किया गया, तो पूरे देश में इस संशोधन के नाम पर वास्तविक मतदाताओं के मताधिकार को रद्द कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन नहीं कर रहा है। वे चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए पहचान पत्रों को स्वीकार करने में आनाकानी कर रहे हैं। वास्तव में, भाजपा ने लोगों का विश्वास खो दिया है। यह महसूस करते हुए कि लोगों का भाजपा पर से भी विश्वास उठ गया है, पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि इस विशेष गहन संशोधन के माध्यम से मतदाता सूची में बदलाव किया जा रहा है।
