अगरतला, 5 जुलाई: करीब 1.8 लाख रबर किसान विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। देश के किसानों की हालत बहुत खराब है। संगठन ने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यक्रम करने का फैसला किया है। यह दावा अखिल भारतीय कृषक सभा के राज्य सचिव पवित्र कर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
आज अखिल भारतीय कृषक सभा के राज्य सचिव पवित्र कर ने कहा कि राज्य सरकार चाहे जितनी भी सार्वजनिक रूप से कहती रहे कि किसानों की आय दोगुनी हो गई है, लेकिन केंद्र सरकार ने एक बार भी इस टिप्पणी का जिक्र नहीं किया है। इसमें राज्य सरकार का नेतृत्व किसानों के बारे में सार्वजनिक रूप से गलत जानकारी दे रहा है। उनका दावा है कि देश में किसानों की हालत बहुत खराब है। त्रिपुरा में कृषि व्यवस्था के बारे में कुछ भी कहने को नहीं है।
आज उन्होंने कहा कि कल यानी मंगलवार को राज्य के करीब 1.8 लाख रबड़ किसानों ने त्रिपुरा रबड़ बोर्ड के संयुक्त आयुक्त को एक प्रतिनिधि प्रतिनिधिमंडल देकर विभिन्न समस्याओं से जुड़ी 10 सूत्री मांगें रखी हैं। उन मांगों को पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यक्रम तय किए गए हैं। उनकी मांगों में रबड़ किसानों को नए बागान लगाने के लिए मुफ्त पौधे उपलब्ध कराने के अलावा प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये रखरखाव सब्सिडी का प्रावधान, राज्य के छोटे और मध्यम रबड़ किसानों के लाभ के लिए रबड़ बोर्ड द्वारा वेबसाइट पर दी गई कीमत पर रबड़ की खरीद का प्रावधान, रबड़ बागान बीमा को फिर से शुरू करना शामिल है। इसके अलावा रबर बोर्ड के माध्यम से रबर किसानों को सब्सिडी पर आवश्यक उर्वरक उपलब्ध कराना, रबर किसानों को मुफ्त में रबर प्लांटेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराना, रूलर मशीन और वाशिंग हाउस बनाने के लिए गरीब और मध्यम किसानों को 50% सब्सिडी देना, बंद आरपीएस को फिर से खोलना, रबर बोर्ड के माध्यम से नए टैपर्स के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान, उच्च गुणवत्ता वाली रबर सीट बनाने की तकनीक सीखने के लिए रबर बोर्ड के माध्यम से समितियों और रबर किसानों के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान करना और त्रिपुरा में रबर की खेती का विस्तार करने के लिए रबर बोर्ड को सभी आवश्यक जिम्मेदारियां लेनी चाहिए।
2025-07-05
