नई दिल्ली, 21 जून : एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के क्षेत्र में एक बड़ा माइलस्टोन हासिल हुआ है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने लेनाकैपाविर इंजेक्शन को मंजूरी दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया है।
यह मंजूरी वर्ष 2024 में प्रकाशित PURPOSE 1 और PURPOSE 2 क्लिनिकल ट्रायल के उत्साहजनक परिणामों के बाद मिली है। इन अध्ययनों में लेनाकैपाविर को विभिन्न जनसंख्याओं और परिस्थितियों में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया। साल में केवल दो बार इंजेक्शन देने पर यह दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करता है, जो एचआईवी रोकथाम के मौजूदा विकल्पों में एक नया और प्रभावशाली विकल्प जोड़ता है।
वर्तमान में डब्ल्यूएचओ जिन तरीकों की सिफारिश करता है उनमें मौखिक PrEP, डैपिविरिन वेजाइनल रिंग और लंबे समय तक असरदार कैबोटेग्राविर इंजेक्शन (CAB-LA) शामिल हैं। लेनाकैपाविर का यह गोपनीय और लंबे समय तक असरकारक फॉर्म्युलेशन उन प्रमुख बाधाओं को दूर कर सकता है जिनमें रोज़ाना दवा लेना, बार-बार क्लीनिक जाना और एचआईवी रोकथाम को लेकर समाज में मौजूद कलंक शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल एचआईवी, हेपेटाइटिस और यौन संचारित रोग कार्यक्रम की निदेशक डॉ. मेग डोहार्टी ने कहा, यह नियामक मंजूरी हमें एचआईवी रोकथाम के एक नवाचार की ओर और एक कदम आगे ले जाती है। डब्ल्यूएचओ देशों को दिशानिर्देश तैयार करने, प्रीक्वालिफिकेशन और नियामक प्रक्रिया में सहयोग दे रहा है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लेनाकैपाविर उन लोगों तक शीघ्र, सुरक्षित और समान रूप से पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे अधिक ज़रूरत है।
डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की है कि 14 जुलाई को रवांडा की राजधानी किगाली में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय एड्स सम्मेलन के दौरान लेनाकैपाविर इंजेक्शन पर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
एफडीए की यह मंजूरी डब्ल्यूएचओ की प्रीक्वालिफिकेशन प्रक्रिया को भी गति देगी। इसके बाद किसी सख्त नियामक प्राधिकरण (SRA) की मान्यता प्राप्त होने पर विभिन्न देशों में इसकी राष्ट्रीय मंजूरी आसान हो जाएगी और ग्लोबल फंड जैसी दानदाता एजेंसियों द्वारा इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
इसके साथ ही, डब्ल्यूएचओ यूरोपीय औषधि एजेंसी (EMA) के साथ मिलकर सभी के लिए दवाइयाँ तंत्र के तहत उन देशों में नियामक प्रक्रियाओं को सरल बना रहा है जो लेनाकैपाविर को अपनाने के इच्छुक हैं।
