भाजपा के नए नेताओं को माओवादियों का इतिहास नहीं पता, उस समय छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नक्सलियों का इस्तेमाल किया था: जितेंद्र

अगरतला, 28 मई: भाजपा के नए नेताओं को माओवादियों का इतिहास नहीं पता। उस समय छत्तीसगढ़ में अपने हितों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नक्सलियों का इस्तेमाल किया था। आज वे संतों को दंडित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दावा आज पत्रकारों से मुखातिब सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य और नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र चौधरी ने किया।

आज उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग कई सालों से नक्सलियों द्वारा परेशान किए जा रहे हैं। इन नक्सलियों के पहले शिकार उस राज्य के वामपंथी थे। इसी तरह छत्तीसगढ़ के अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई राज्य आतंकवादियों के शिकार रहे हैं। अब सब कुछ जानने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता संतों को दंडित करने की कोशिश कर रहे हैं।

उनके मुताबिक, 2001 में छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नक्सलियों के साथ समझौता किया था। उन्होंने दावा किया कि वे इसके प्रत्यक्ष गवाह हैं। उस समय वे छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करने गए थे। उस समय उन्हें चुनाव प्रचार न करने की धमकी भी दी गई थी। क्योंकि, नक्सली कांग्रेस को उखाड़कर उस राज्य में भाजपा की सरकार स्थापित करना चाहते थे। वर्तमान में नक्सली भारतीय जनता पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं। इसलिए नक्सलियों का दमन करना छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार का मुख्य लक्ष्य बन गया है। इसी तरह मणिपुर में भी नक्सलियों की मदद से भारतीय जनता पार्टी की सरकार दो बार सत्ता में आई। जिसके कारण मणिपुर में शांति और व्यवस्था नष्ट हो गई है।

इस दिन उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को देश से नक्सलियों और आतंकवादियों को हमेशा के लिए दबाने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उस समय भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अपने हितों को साधने के लिए नक्सलियों का इस्तेमाल किया। आज वे संतों को दंडित करने का प्रयास कर रहे हैं।