सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश, कॉलेजियम ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव

नई दिल्ली, 26 मई : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत में तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है। कॉलेजियम का नेतृत्व भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई कर रहे हैं।

कॉलेजियम की ओर से जिन न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की गई है, वे हैं — कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजनिया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय विष्णोई और बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश अतुल एस. चंदुरकर। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में 31 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि अधिकतम स्वीकृत संख्या 34 है। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी 9 जून को सेवानिवृत्त होने वाली हैं, जिससे एक और पद रिक्त हो जाएगा।

न्यायमूर्ति एन.वी. अंजनिया ने नवंबर 2011 में गुजरात हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्हें सितंबर 2023 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया और फरवरी 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई। न्यायमूर्ति विजय विष्णोई ने जनवरी 2013 में राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और जनवरी 2015 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। वर्तमान में वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर का जन्म 7 अप्रैल 1965 को हुआ था। वे जून 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे।

मौजूदा मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की कॉलेजियम समिति केंद्र सरकार को शीर्ष अदालत में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए नामों की सिफारिश करती है। इसके बाद कानून मंत्रालय यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री को भेजता है, जो राष्ट्रपति को अंतिम निर्णय के लिए अनुशंसा करते हैं। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा राजपत्र (गज़ेट नोटिफिकेशन) के माध्यम से की जाती है। यदि इस सिफारिश को मंजूरी मिलती है, तो सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर फिर से 34 हो सकती है, जो वर्तमान में 31 है।