वरिष्ठ खगोलशास्त्री डॉ. जयंत नार्लीकर का 86 वर्ष की आयु में पुणे में निधन, प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत नार्लिकर का आज सुबह पुणे में 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अनुभवी खगोल वैज्ञानिक जयंत नार्लिकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने श्री नार्लिकर के निधन को वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ा नुकसान बताया। उन्होंने लिखा कि श्री नार्लिकर विशेष रूप से खगोल भौतिकी के क्षेत्र में, एक प्रकाशस्तंभ थे। उनके अग्रणी कार्य, विशेष रूप से महत्वपूर्ण सैद्धांतिक ढांचे, आने वाली पीढ़ियों द्वारा सदैव मूल्यवान माने जाएंगे।

महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके निधन के साथ ही भारतीय खगोल विज्ञान ने प्रमुख खगोलशास्‍त्री खो दिया है। उन्होंने कहा कि डॉ. नार्लिकर ने भारत की विज्ञान-प्रधान पहचान को रोशन किया और खगोल विज्ञान के महत्व को प्रदर्शित किया।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि डॉ. नार्लिकर ने जीवन भर बिना थके काम किया ताकि युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक सिद्धांत, तर्कशीलता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जागरूक किया जा सके। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि डॉ. नार्लिकर का कार्य भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था।

एन.सी.पी. नेता शरद पवार ने भी डॉ. जयंत नार्लिकर को श्रद्धांजलि दी।