बांग्लादेश: महिला परिषद ने अंतरिम सरकार से महिलाओं से जुड़े मुद्दों के सम्बन्ध में कड़े कदम उठाने का आग्रह किया

बांग्लादेश की महिला परिषद ने सोमवार को महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने और महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराधों को नियंत्रित करने के लिए प्रोफेसर यूनुस की अंतरिम सरकार से कड़े कदम उठाने का आग्रह किया। 

हाल से समय में पूरे बांग्लादेश में महिलाओं के विरुद्ध क्रूरता के मामलों में वृद्धि हुर्ई है। सिर्फ मार्च महीने में देश में कुल 442 महिलाओं और लड़कियों को विभिन्न तरह की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। बांग्लादेश महिला परिषद की सचिव राबेया बेगम शांति ने सोमवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह सूचना दी। उन्होंने कहा कि 125 लड़कियों और 38 महिलाओं को इस अवधि को दौरान दुष्कर्म का शिकार होना पड़ा है। इनमें से 18 लड़कियों सहित 36 पीड़िताओं को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार होना पड़ा है। दो लड़कियों की दुष्कर्म के बाद  हत्या कर दी गई। वहीं इनमें से यौन उत्पीड़न के बाद दो महिलाओं ने आत्महत्या कर ली। इसके अलावा 55 लड़कियां और 15 महिलाएं दुष्कर्म के प्रयास से बच निकलीं। महिला परिषद की सचिव राबेया ने बताया कि महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध उनकी उन्मुक्त आवाजाही को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके कपड़े, रूपरंग और गतिशीलता को लेकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को शारीरिक और मौखिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। वहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल उनके विरूद्ध घृणा फैलाने और धमकी देने के लिए किया जा रहा है। 

एक अन्य मुद्दे का उल्लेख करते हुए महिला परिषद की सचिव राबेया ने कहा कि सरकारी प्राथमिक स्कूल शिक्षक भर्ती में 60 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। इस प्रावधान को हाल ही में खत्म कर दिया गया है।