अगरतला, 17 अप्रैल: रोमन लिपि की मांग को लेकर राज्य में राजनीतिक तनाव चरम पर है। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने टिपरा माथा और भाजपा पर कड़े शब्दों में हमला बोला।
सुदीप बाबू ने आरोप लगाया कि राज्य में विभिन्न आदिवासी छात्र संगठनों और टिपरा मठ द्वारा रोमन लिपि की मांग को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन वास्तव में एक “पटकथाबद्ध नाटक” है। उन्होंने कहा, “टिपरासा के लोगों की भावनाओं और संवेदनाओं के साथ खेला जा रहा है। उन्हें मूर्ख बनाया जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में वामपंथी सरकार ने रोमन लिपि को लेकर बहाने बनाये थे और वर्तमान भाजपा सरकार इस मुद्दे पर “गंदी राजनीति” कर रही है।
टिपरा मठ सुप्रीमो प्रद्युत किशोर देववर्मन पर कटाक्ष करते हुए सुदीपबाबू ने कहा, “टिपरा के लोग उनसे आंख मूंदकर प्यार करते थे। लेकिन इसका फायदा उठाते हुए भाजपा और टिपरा मठ ने मिलकर ‘महाठगई’ की है। और टिपरा समुदाय को इन दो महान धोखेबाजों द्वारा धोखा दिया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “ऐसे नाटकीय आंदोलनों से अधिकार हासिल नहीं किए जा सकते। अगर रोमन लिपि में वाकई आस्था है तो आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाना चाहिए। टिपरा मठ और इस मांग का समर्थन करने वाले अन्य राजनीतिक दल मिलकर लोकतांत्रिक आंदोलन चला सकते हैं।”
सुदीप रॉय बर्मन ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को वोट मिले या न मिले, वह सत्ता में आए या न आए, वह राज्य के आदिवासी और जनजातीय समुदायों के हितों के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा उनकी न्यायोचित मांगों और अधिकारों की रक्षा के लिए उनके साथ रही है और रहेगी।” कांग्रेस नेता के इस बयान से राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में नई चर्चा छिड़ गई है।
