अगरतला, 7 अप्रैल: कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण “एक राष्ट्र, एक चुनाव” ध्वस्त हो गया। यह केवल समय और धन की बर्बादी नहीं है। परिणामस्वरूप, शासन प्रणाली भी बार-बार बाधित होती है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब कुमार देब ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर ऐसी ही विस्फोटक टिप्पणी की।
संयोगवश, आज श्रम निगरानी प्रकोष्ठ द्वारा अनुमोदित अखिल त्रिपुरा आशा फैसिलिटेटर एवं आशा कार्यकर्ता संघ तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायता संघ द्वारा रवींद्र भवन, अगरतला में एक राष्ट्र, एक वोट, एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सांसद बिप्लब कुमार देब, श्रम निगरानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बिप्लब कर और अन्य उपस्थित थे।
मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि यह विचार देश के लिए बिल्कुल भी नया नहीं है। बल्कि, उन्होंने दावा किया कि देश की आजादी के बाद शुरू में चुनाव इसी तरह होते थे। श्री देव ने कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण बार-बार अलग-अलग समय पर चुनाव हो रहे हैं। यह केवल समय और धन की बर्बादी नहीं है। परिणामस्वरूप, शासन प्रणाली भी बार-बार बाधित होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि एक देश, एक चुनाव लागू किया जाए तो देश का लोकतंत्र और मजबूत होगा। मतदाताओं में उत्साह बढ़ेगा। वित्तीय बचत बहुत अधिक होगी। सरकारी कार्यों की निरंतरता बनी रहेगी और नीति निर्माण में गति आएगी।