प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत अब तक 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत अब तक 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 52 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। वित्तीय समावेशन को सुगम और उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को दस लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए वर्ष 2015 में यह योजना शुरु की गई थी। इस योजना के अंतर्गत तीन श्रेणियों के ऋण दिए जा रहे हैं। इसमें 50 हजार रुपये तक का शिशु, पांच लाख रुपये तक का किशोर और दस लाख रुपये तक का तरुण ऋण शामिल है।

    लगभग 70 प्रतिशत मुद्रा ऋण महिला उद्यमियों ने लिए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है। 50 प्रतिशत से अधिक मुद्रा ऋण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और अन्‍य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों को मिले हैं। पिछले कुछ वर्षों में मुद्रा योजना ने भारत के उद्यमशीलता परिदृश्य को नया रूप दिया है और वित्तीय समावेशन के एक मॉडल के रूप में वैश्विक मान्यता प्राप्त की है।

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