अगरतला, 29 मार्च: आज तक वैज्ञानिक रक्त का कोई विकल्प नहीं खोज पाए हैं। इसलिए लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। दुर्भाग्यवश, पिछले छह वर्षों में जब भी लोकतांत्रिक संगठन रक्तदान के लिए आगे आए हैं, तो सत्ताधारी पार्टी के कुछ असामाजिक तत्वों ने रक्तदान में बाधाएं उत्पन्न की हैं। यह आरोप सीपीआईएम पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आज गोमती जिला सीपीआईएम द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में लगाया।
सीपीआईएम के आगामी 24वें केन्द्रीय सम्मेलन के अवसर पर सीपीआईएम गोमती जिला कमेटी के आह्वान पर शनिवार को उदयपुर पार्टी कार्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आज के कार्यक्रम में माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार, माकपा राज्य समिति सचिव रतन भौमिक, पार्टी के गोमती जिला समिति सचिव परिमल देबनाथ, उदयपुर उपजिला सचिव दिलीप दत्ता और अन्य उपस्थित थे।
आज चर्चा के दौरान माणिक सरकार ने कहा, ‘‘रक्त का कोई विकल्प नहीं है।’’ इसका कोई रक्त प्रकार नहीं है। आज तक वैज्ञानिक रक्त का कोई विकल्प नहीं खोज पाए हैं। इसलिए लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश पिछले पांच-छह वर्षों से जब भी लोकतांत्रिक संगठन रक्तदान के लिए आगे आए हैं, तो सत्ताधारी दल के कुछ असामाजिक तत्वों ने रक्तदान में बाधाएं उत्पन्न की हैं। यहां तक कि राज्य में कुछ स्थानों पर रक्तदाताओं पर हमले की घटनाएं भी हुई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक दिन रक्तदान करना पर्याप्त नहीं है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष में तीन बार रक्तदान किया जा सकता है। इसी प्रकार, माणिक सरकार ने वर्ष में तीन बार रक्तदान करने का आह्वान किया। रक्तदान अभियान में बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने भाग लिया। माणिक सरकार ने लोगों से रक्त, शरीर और नेत्र दान करने के लिए आगे आने का आह्वान किया।