इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एस कृष्णन ने कहा है कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत उद्योगों को दी गई सब्सिडी और अनुदान से भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विस्तार में मदद मिली है। श्री कृष्णन ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप के निर्माण का सपना साकार हो सकेगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोन, अडानी और एलएंडटी जैसी कंपनियों को वैश्विक चिप निर्माण में भारत की भूमिका मजबूत करने के लिए सरकारी समर्थन मिला है।
सेमीकंडक्टर निर्माण, डिस्प्ले फैब्रिकेशन, कंपाउंड सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग में लगातार वृद्धि हो रही है। ये पहल अत्याधुनिक तकनीकों में काम करने वाले भारतीय प्रवासियों को भी वापस ला रही हैं।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र वर्तमान 45 से 50 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक लगभग 110 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि मंत्रालय द्वारा की गई पहलों से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में मदद मिली है।