संसदीय कार्य मंत्री रतन लाल नाथ ने स्थानीय समाचार पत्र के खिलाफ ‘अधिकारों के उल्लंघन’ का प्रस्ताव दायर किया

अगरतला, 26 मार्च: संसदीय कार्य मंत्री रतन लाल नाथ ने त्रिपुरा के स्थानीय समाचार पत्र “दैनिक देशेर कोठा” के संपादक के खिलाफ “अधिकारों के उल्लंघन” का प्रस्ताव दायर किया है। त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन को सौंपी गई शिकायत में मंत्री नाथ ने अखबार पर विधानसभा सत्र में की गई उनकी टिप्पणियों पर “भ्रामक और जानबूझकर पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट” प्रकाशित करने का आरोप लगाया है।

संयोगवश, 24 मार्च को बजट चर्चा के दौरान मंत्री नाथ ने विपक्ष के नेता जितेन्द्र चौधरी से कहा था, ”अपने भाषण में उन्होंने अपनी जाति बता दी है।” जिसका अर्थ है “अपनी वाणी में उन्होंने अपना वास्तविक स्वरूप प्रकट कर दिया है।” बाद में श्री नाथ ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा, “जितेंद्र बाबू ने अपनी भाषा में कम्युनिस्टों की जाति बता दी है। मैं अब आपको यहां नहीं ले जाऊंगा, क्योंकि आप यहां हैं ही नहीं” अर्थात “जितेंद्र बाबू ने अपने भाषण में कम्युनिस्टों का असली स्वरूप उजागर कर दिया है।” “मैं अब तुम्हें इस जगह पर नहीं देखना चाहता, क्योंकि तुम यहाँ के नहीं हो।”

इस दिन श्री नाथ ने कहा, ‘‘मेरे बयान का कोई असंसदीय अर्थ नहीं है।’’ हालांकि, राजनीतिक लाभ के लिए मेरी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और जनता को गुमराह करने के प्रयास में, सीपीआईएम पार्टी के स्थानीय प्रवक्ता ने कहा, “दैनिक देश ने देश में भ्रामक और जानबूझकर पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित की है। मेरे शब्दों को जानबूझकर सांप्रदायिक परिप्रेक्ष्य दिया गया है, जो एक बहुत ही योजनाबद्ध घृणित उकसावा है।”

मंत्री ने अपने प्रस्ताव के समर्थन में समाचार पत्रों की रिपोर्टों और विधानसभा की कार्यवाही के प्रासंगिक अंशों की प्रतियां संलग्न की हैं। उन्होंने अध्यक्ष से त्रिपुरा विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 173 के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *