ब्रिटेन ने श्रीलंका के गृहयुद्ध के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को लेकर चार श्रीलंकाई नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया

ब्रिटेन ने 2009 में समाप्त हुए श्रीलंका के गृहयुद्ध के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को लेकर चार श्रीलंकाई नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके तहत श्रीलंका के पूर्व वरिष्ठ सैन्य कमांडरों शैवेंद्र सिल्वा, वसंथा करनगोड़ा और जगत जयसूर्या की ब्रिटेन यात्रा और वहां संपत्ति के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। उनके अतिरिक्त श्रीलंकाई सेना से जुड़े अर्धसैनिक करुणा समूह का नेतृत्व करने वाले करुणा अम्मान के नाम से चर्चित लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के पूर्व कमांडर विनयगमूर्ति मुरलीधरन पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

    उन लोगों के विरुद्ध ये प्रतिबंध श्रीलंका में संघर्ष के दौरान हत्याओं, यातना और हिंसा सहित कथित मानवाधिकार हनन के अन्य मामलों से जुड़े हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने श्रीलंका में मानवाधिकारों के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता तथा अतीत में हुए मानवाधिकारों के उल्लंघनों के संबंध में उत्तरदायित्व तय करने की दिशा में प्रयास पर जोर दिया है जिसका असर वहां के समुदायों को झेलना पड़ा।

    संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार सरकारी सुरक्षा बलों और एल टी टी ई के बीच 26 साल के संघर्ष में 80 हज़ार से एक लाख तक लोग मारे गए थे।

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