अगरतला, 25 मार्च: विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के अतारांकित प्रश्नों का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास विभाग के प्रभारी मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि वर्तमान में राज्य में एमजीएन-आरईजीए योजना में कुल 6 लाख 91 हजार 112 जॉब कार्डधारक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलेवार गणना के अनुसार, धलाई जिले में 97,197 लोगों के पास जॉब कार्ड हैं, गोमती जिले में 1,01,208, खोवाई जिले में 74,969, उत्तरी त्रिपुरा में 81,539, सिपाहीजला में 85,638, दक्षिण त्रिपुरा में 97,826, उनकोटी जिले में 58,420 और पश्चिम त्रिपुरा में 94,560 लोगों के पास जॉब कार्ड हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार औसत श्रम दिवसों के आधार पर एमजीएन-आरईजीए परियोजना में किसी भी राज्य को बजट आवंटित नहीं करती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य को कुल 3.75 करोड़ श्रम दिवस का बजट आवंटित किया गया। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 करोड़ श्रम दिवस का बजट आवंटन है, लेकिन राज्य में 15 फरवरी तक 3 करोड़ 40 लाख श्रम दिवस सृजित हो चुके हैं। केंद्र सरकार से इस वर्ष श्रम बजट बढ़ाने की अपील की गई है।
राज्य सरकार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रति कार्ड औसतन 61 श्रम दिवस काम किया गया और वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसी अवधि के दौरान 58 श्रम दिवस काम किया गया। काम पूरा होने के बाद श्रमिकों का वेतन सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है। वर्तमान में लगभग 8 लाख श्रमिकों के वेतन हेतु 756.73 करोड़ टका का भुगतान किया जा चुका है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक लगभग 67,000 श्रमिकों के लिए 87.26 करोड़ टका के फंड ट्रांसफर ऑर्डर को मंजूरी नहीं दी है। उम्मीद है कि भारत सरकार अप्रैल 2025 तक सभी बकाया वेतन का भुगतान कर देगी।
एमजीएन-आरईजीए परियोजना एक मांग आधारित परियोजना है, जहां श्रमिकों को 15 दिनों के भीतर काम मिल सकता है। इस वर्ष राज्य में 58,502 परिवारों ने इस योजना के तहत 100 दिन या उससे अधिक काम किया है। इसके अलावा, जिन लोगों के पास जॉब कार्ड नहीं हैं, उनके लिए लगातार नए जॉब कार्ड जारी किए जा रहे हैं, ताकि कोई भी श्रमिक बेरोजगार न रहे।