अगरतला, 22 मार्च: त्रिपुरा में टीएसएफ की हड़ताल के कारण छात्रों समेत आम लोगों की परेशानी चरम पर पहुंच गई है। इस संबंध में त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की छात्र शाखा एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की है।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि हड़ताल से राज्य के लोगों, विशेषकर छात्रों के जीवन में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है। संगठन ने कहा कि यदि इस स्थिति का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो छात्रों को शारीरिक और मानसिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
एनएसयूआई ने आगे दावा किया कि कोकबराक भाषा त्रिपुरा की सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली स्वदेशी भाषाओं में से एक है, जिसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। हालाँकि, शैक्षणिक संस्थानों में मानकीकृत कोकबोरोक लिपि का अभाव छात्रों के लिए एक बड़ी बाधा बन गया है। इससे छात्रों की शैक्षिक प्रगति और सांस्कृतिक संरक्षण में व्यापक समस्याएं पैदा हो रही हैं।
संगठन के अनुसार, रोमन लिपि कोकबोरोक भाषा के लिए एक आदर्श माध्यम हो सकती है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों में इस भाषा का सुचारू एकीकरण सुनिश्चित हो सकेगा। रोमन लिपि के उपयोग से भाषा का विकास संभव है और यह छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगा।
एनएसयूआई ने दावा किया कि चल रही हड़ताल से न केवल शिक्षा प्रभावित हो रही है, बल्कि आम आदमी के दैनिक जीवन में भी असुविधा पैदा हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस समस्या के शीघ्र समाधान के लिए कार्रवाई करने की अपील की है।
एनएसयूआई के अनुसार, कोकबोरोक भाषा के लिए रोमन लिपि के उपयोग से राज्य की शिक्षा प्रणाली, सांस्कृतिक विकास और लोगों के बीच सद्भाव बढ़ेगा। इसलिए एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।