आयरलैंड के अग्र और उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार तथा विज्ञान संबंधी मामलों के मंत्री जेम्स लॉलेस ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ गंभीर शोध संबंधी सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि वे अनुसंधान के अतिरिक्त अध्ययन के बाद के क्रियाकलापों के विस्तार के रास्तों की तलाश के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों से चर्चा करने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आयरलैंड मजबूत अकादमिक और प्रतिभा संबंधी एक ऐसा तंत्र बनाने की असीम संभावनाओं से परिचित है, जिसका लाभ दोनों देशों को हो सकता है।
एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे श्री लॉलेस नई दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई की यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है। उन्होंने नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा चिकित्सा प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बु्द्धिमतता और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के साथ आयरलैंड की बढ़ती साझेदारी का भी उल्लेख किया।
उच्च शिक्षा, प्रौद्योगिकी तथा व्यापारिक साझेदारी में भारत और आयरलैंड के बीच बढ़ते संबंधों का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि आयरलैंड भारतीय छात्रों के लिए अपने घर के समान है। वहां भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ कर नौ हजार से अधिक हो गई है। उन्होंने भारत के साथ शैक्षणिक संपर्कों को मजबूत करने की आयरलैंड की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
आयरलैंड के मंत्री श्री लॉलेस की यह यात्रा आयरलैंड और भारत के संबंधों के मामले में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे भारत की आर्थिक, अकादमिक और प्रौद्योगिकी संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने में विश्वासपात्र सहयोगी के रूप में आयरलैंड की भूमिका की एक बार पुन: पुष्टि होती है।
इससे पहले सोमवार को विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आयरलैंड के राष्ट्रीय दिवस पर वहां के विदेश मंत्री, सरकार और लोगों को शुभकामनाएं दीं।