प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस को भारत और ग्लोबल साउथ के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताया है। मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में कल रात भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मॉरीशस भारत के सागर विजन के केंद्र में बना हुआ है, जिसकी घोषणा पहली बार श्री मोदी की 2015 की मॉरीशस यात्रा के दौरान की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉरीशस केवल एक साझेदार देश नही है बल्की भारत के परिवार का एक हिस्सा है। यह श्री मोदी ने मॉरीशस के विकास में हर तरह की मदद का आश्वासन दिया, जिसमें वहां एक नई संसद भवन का निर्माण शामिल है।
इस कार्यक्रम में मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम, उनकी पत्नी और कैबिनेट मंत्री शामिल हुए।
श्री मोदी का भाषण हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास पर भी केंद्रित था। मॉरीशस के पास विशाल महासागर क्षेत्र होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अवैध मछली पकड़ने, समुद्री डकैती और समुद्री अपराधों से निपटने में एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक विश्वसनीय मित्र के रूप में भारत मॉरीशस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए उसके साथ काम करता रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने 30 मिनट के भाषण में भोजपुरी भाषा का भी इस्तेमाल किया, क्योंकि वहां की 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है जो मुख्य रूप से भोजपुरी भाषी है। उन्होंने कहा कि अगर मॉरीशस में कोई भारतीय फिल्म शूट की जाती है तो उसके हिट होने की संभावना बढ़ जाती है।