बार-बार गलतियां करना ही कम्युनिस्ट होने का नाम है: मंत्री रतन लाल नाथ

अगरतला, 5 मार्च: कम्युनिस्ट होना बार-बार गलतियाँ करने को कहा जाता है। हाल के दिनों में कम्युनिस्ट कार्यकर्ता अदालतों पर हमला करने में नहीं हिचकिचाए हैं। लेकिन अभी तक भारतीय जनता पार्टी में ऐसा साहस नहीं दिखा है। इसलिए उनके बारे में बात न करना ही बेहतर है। इस तरह मंत्री रतन लाल नाथ ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकेले ही सीपीआई (एम) पर निशाना साधा।

श्री नाथ ने आज कहा कि भाजपा सरकार के विकास कार्यों को लेकर मुट्ठीभर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। उनका भ्रम 9 मार्च को होने वाली सार्वजनिक बैठक में समाप्त हो जाएगा। क्योंकि भाजपा सरकार एक मानवीय सरकार है। भारतीय जनता पार्टी का नियम “सबका साथ सबका विकास” है। संक्षेप में, सभी को एक साथ लाकर विकास की ओर आगे बढ़ना। भाजपा केंद्र और राज्य में जनता के हित में काम कर रही है। भाजपा सरकार के निर्णयों से किसानों को विशेष लाभ हुआ है। इसके अलावा, सबका साथ-साथ विकास करने के उद्देश्य से बजट में दिन-प्रतिदिन वृद्धि की जा रही है।

आज उन्होंने सीपीएम के खिलाफ आवाज उठाई। उनका व्यंग्य यह है कि वामपंथी दौर में पार्टी कार्यकर्ता हड़ताल के समर्थन में बेलोनिया कोर्ट पर हमला करने में नहीं हिचकिचाते थे। आज तक उस घटना के आरोपियों को पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया है। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अदालत में आत्मसमर्पण करना पड़ा। आज, सीपीएम शिकायत करती है कि राज्य में कानून का शासन नहीं है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में अभी तक इतना साहस नहीं हुआ है। इसलिए उनके बारे में बात न करना ही बेहतर है, उन्होंने कहा।

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