निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि एक ही नंबर के दो मतदाता फोटो पहचान पत्र-ईपीआईसी का अर्थ यह नहीं है कि पहचान पत्र फर्जी है या मतदाता बोगस है। आयोग ने एक बयान में यह बात कही। इससे पहले मीडिया की खबरों में दो अलग-अलग राज्यों में मतदाताओं के एक ही नंबर के मतदाता फोटो पहचान पत्र का मुद्दा उठा था। आयोग ने स्पष्ट किया कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर एक हो सकते हैं लेकिन जनसांख्यिकी, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र जैसा अन्य ब्यौरा अलग होता है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदाता जिस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की मतदाता सूची में नामांकित है, वहा वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है। इसके अलावा मतदाता कहीं और वोट नहीं डाल सकता।
आयोग के अनुसार मतदाता सूची के डेटाबेस को एरोनेट प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने से पहले विकेंद्रीकृत और मैनुअल व्यवस्था के कारण अलग-अलग राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुछ मतदाताओं को एक ही संख्या वाले मतदाता फोटो पहचान पत्र आवंटित हो गए थे। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी आशंका को दूर करने के लिए पंजीकृत मतदाताओं को विशिष्ट ईपीआईसी नंबर आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर के मामले में विशिष्ट ईपीआईसी नंबर प्रदान किया जाएगा।