दक्षिण के तीन वामपंथी नेताओं ने अदालत में आत्मसमर्पण किया

अगरतला, 1 मार्च: सीपीआईएम दक्षिण जिला सचिव तपस दत्ता, त्रिलोकेश सिन्हा और सारा भारत कृषक सभा बिलोनिया मंडल सचिव बाबुल देबनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। संयोगवश, 2015 में बेलोनिया न्यायालय के न्यायाधीश रूहिदास पाल के विरुद्ध शारीरिक दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।


सरकारी वकील किशोर मजूमदार आज पत्रकारों से मुखातिब हुए। बताया गया कि बेलोनिया कोर्ट की जज रूही दास पाल के साथ मारपीट करने की घटना में आरोपी तीन वामपंथी नेताओं ने आखिरकार बेलोनिया कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। 2 सितम्बर 2015 को वामपंथी ट्रेड यूनियनों ने बंद का आह्वान किया। उस हड़ताल के नाम पर तीन वामपंथी नेता बाबुल देबनाथ, तपस दत्ता और त्रिलोक सिन्हा अन्य लोगों के साथ अदालत में घुस आए और न्यायाधीश रूही दास पाल पर शारीरिक हमला किया तथा आरोप लगाया कि उन पर हमला किया गया है। उस समय तत्कालीन बिलोनिया उपजिला पुलिस अधिकारी सुदीप पाल ने स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया था। जिसका मुकदमा संख्या 113/15 बिलोनिया थाने में दर्ज था।
उन्होंने आगे कहा कि बाद में सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर करने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। सीपीआईएम दक्षिण जिला सचिव तपस दत्ता, बेलोनिया मंडल सीटू अध्यक्ष त्रिलोक सिन्हा और सारा भारत कृषक सभा बेलोनिया मंडल सचिव बाबुल देबनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शनिवार दोपहर बेलोनिया अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।

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